ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो और स्विगी को डिलीवरी शुल्क पर 500 करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस



नई दिल्ली । ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म (Online Food Delivery Platforms) जोमैटो और स्विगी (Zomato and Swiggy) को डिलीवरी शुल्क पर (On Delivery Charges) 500 करोड़ रुपये (Rs. 500 Crore) के जीएसटी नोटिस (GST Notice) भेजे (Issued) । बुधवार को मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई। दोनों ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्राहकों से डिलीवरी फीस के नाम पर कुछ पैसे वसूलते हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक टैक्स अधिकारियों और फूड डिलीवरी ऐप्स के बीच डिलीवरी फीस को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपये का विवाद होता है। ज़ोमैटो ने संपर्क करने पर टिप्‍पणी से इनकार कर दिया। स्विगी ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। ज़ोमैटो और स्विगी के अनुसार, ‘डिलीवरी चार्ज’ कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं।

कंपनियां बस ग्राहकों से वह लागत वसूलती हैं और इसे डिलीवरी पार्टनर्स को दे देती हैं। लेकिन, रिपोर्ट के मुताबिक टैक्स अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं। पिछले महीने, स्विगी ने खाने के ऑर्डर के लिए प्लेटफ़ॉर्म शुल्क दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था। स्विगी के एक प्रवक्ता ने बताया, “प्लेटफ़ॉर्म शुल्क में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। अधिकांश सेवा प्रदाता यह शुल्‍क लगाते हैं, और उद्योगों में यह एक आम बात है”।

अप्रैल में, कंपनी ने कार्ट मूल्य से स्‍वतंत्र प्रति ऑर्डर दो रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लागू किया था। ज़ोमैटो ने अगस्त में अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क भी शुरुआती दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया। ज़ोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजरों से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिन्हें पहले छूट दी गई थी।

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