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जयपुर-पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच द्वारा 4 दिन पहले कौथून स्थित सरस डेयरी की बीएमसी से जब्त किया गया दूध फूड विभाग की जांच में अनसेफ पाया गया। मंगलवार को फूड विभाग से मिली जांच रिपोर्ट के बाद एसआई दिनेश चंद की तरफ से चाकसू थाने में सरस डेयरी के अध्यक्ष, एमडी, क्वालिटी कंट्रोलर, विजलेंस ऑफिसर व बीएमसी संचालक सहित अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। अब पुलिस इन सभी की भूमिका के संबंध में जांच करने में जुटी है। सरस डेयरी के चेयरमैन ओमप्रकाश पूनिया ने दूध की दो मशीनों में जांच करने के बाद कहा था कि दूध सही है।
इससे पहले पुलिस की कार्रवाई को झूठी बताने के लिए डेयरी के चेयरमैन की तरफ से दूध को सही बताया गया था, जबकि पुलिस ने कार्रवाई के दौरान मौके पर फूड विभाग की स्पेशल टीम को बुलाया था, जिन्होंने सैंपलिंग की थी। फूड विभाग की रिपोर्ट में सामने आया कि ये दूध पीने योग्य नहीं हैं, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है और कृत्रिम रूप से वनस्पति तेल से तैयार किया गया है। जब्त किए गए दूध में मृत कीड़े व भूरे रंग के कण पाए गए थे, जो हानिकारक है। अब तक की गई पूछताछ में सामने आया कि बीएमसी संचालक सिंथेटिक दूध बनाने वाले गिरोह से संपर्क करके डेयरी अधिकारियों से मिलीभगत कर अवैध तरीके से यहां दूध सप्लाई कर रहा था।
क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था 1 हजार लीटर दूध पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने 17 नवंबर को कौथून की बीएमसी पर दूध लेकर आई गाड़ी को पकड़ा था, जिसमें 1 हजार लीटर दूध भरा हुआ था। उस दूध की जांच कराने के लिए पुलिस ने सैंपलिंग करने के लिए फूड विभाग की स्पेशल टीम को बुलाया था। टीम द्वारा लिए गए सैंपल की जांच में दूध को अनसेफ पाया गया। ड्राइवर से पूछताछ में सामने आया कि वह दूध टोंक के दतवास गांव से लेकर आया हैं, जहां से रोज सुबह 2 हजार लीटर और शाम को 1500 लीटर दूध आता है। ये दूध कौथून में गोविंद नारायण जाट द्वारा संचालित बीएमसी सेंटर पर खाली किया जाता है। डेयरी की तरफ से ऑथराइज्ड बीएमसी सेंटर पर रजिस्टर्ड स्थानीय फार्मर ही दे सकते हैं, जबकि इस बीएमसी सेंटर पर दूसरे जिले से दूध मंगवाया जा रहा था।
लैब की जांच में दूध के दोनों नमूने अनसेफ जयपुर द्वितीय सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा ने बताया- फूड सेफ्टी एक्ट के तहत लैब की जांच में दोनों दूध के नमूने जांच में अनसेफ मिले हैं। यानि आमजन के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। अनसेफ मामलों के लिए सीजेएम कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।
मिस ब्रांड व अनसेफ पर क्या सजा
फूड सेफ्टी एक्ट के तहत जांच में मिस ब्रांड पाए जाने पर दोषी पर 5 लाख रुपए जुर्माना लगता है। अनसेफ होने पर इंज्यूरी न होने पर 6 महीने की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना और नॉन ग्रेविंस इंज्यूरी न होने पर 1 साल की सजा और 3 लाख रुपए जुर्माना और मौत होने पर 7 साल से लेकर उम्रकैद और 10 लाख जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
मिट्टी से एलर्जिक और संक्रमण का खतरा एसएमएस अस्पताल के मेडिसन के डॉ. पुनीत सक्सेना व गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डॉ. सुधीर महर्षि के अनुसार यदि दूध में मिट्टी व मृत मक्खी पाई जाती है, तो सेहत बिगड़ने का खतरा है। दूध में मिट्टी से एलर्जिक साइड इफैक्ट, संक्रमण, उल्टी-दस्त और पाचन तंत्र भी गड़बड़ हो सकता है और शरीर में लगातार दूध से मिट्टी जाने से पथरी भी बन सकती है। विशेषकर ऐसा दूध बच्चे, गर्भवती और बुजुर्गों की सेहत बिगाड़ सकता है।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मिलावट
जयपुर के चौमूं, कोटपूतली, गोविंदगढ़, चीथवाड़ी, सांगानेर, बस्सी, जमवारामगढ़, चाकसू व आमेर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, अलवर, भरतपुर और धौलपुर में दूध में पानी, स्टार्च व फोरेन फैट मिला रहे हैं।
तीन बार निर्देश जारी कर चुका है सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2011, दिसंबर 2014 और अगस्त 2016 में आदेश जारी कर केन्द्र व राज्य सरकारों को मिलावटखोरी के लिए कानून को सख्त बनाने व जारी गाइडलाइन की पालना के लिए कहा था।
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