राजस्थान : जिस दूध को सरस डेयरी ने बताया शुद्ध, वह फूड डिपार्टमेंट की जांच पाया गया जहरीला, मुकदमा दर्ज


जयपुर : राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों दौसा जिले में कौथून स्थित सरस डेयरी की बीएमसी से 1 हजार लीटर मिलावटी दूध जब्त किया था। पुलिस ने चाकसू थाने में सरस डेयरी के अध्यक्ष, मैनेजिंग डायरेक्टर, क्वालिटी कंट्रोलर, विजिलेंस ऑफिसर और बीएमसी (दूध संकलन केन्द्र कौथून के संचालक संचालक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस के इस एक्शन के बाद डेयरी चेयरमैन ओमप्रकाश पूनिया ने पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए दूध को शुद्ध बताया था। अब फूड डिपार्टमेंट की जांच में वह दूध सिंथेटिक यानी जहरीला पाया गया है। इस जांच रिपोर्ट के बाद डेयरी चेयरमैन की बोलती बंद हो गई है।

डेयरी की जांच पर उठे सवाल

17 नवंबर को जब पुलिस ने मिलावटी दूध जब्त किया तो डेयरी प्रशासन ने भी जांच के लिए सैंपल लिए थे। डेयरी प्रशासन ने अपने स्तर पर दूध की जांच की और उस दुध को शुद्ध बताया। इसके बाद डेयरी चेयरमैन ने दूध को सही बताते हुए पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहरा दिया था। मिलावटी दूध पकड़ने के दौरान पुलिस ने फूड डिपार्टमेंट की टीम को मौके पर बुलाया और सैम्पल लिए गए। फूड डिपार्टमेंट की जांच में यह दूध सिंथेटिक और अनसेफ पाया गया। फूड विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक यह दूध पीने योग्य नहीं हैं। यह दूध कृत्रिम रूप से वनस्पति तेल से तैयार किया गया है। ऐसे में यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है। जब्त किए गए दूध में मृत कीड़े और भूरे रंग के कण पाए गए थे, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। फूड डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट के पास सरस डेयरी की जांच पर सवाल उठने लगे हैं।

रोज हजारों लीटर दूध सप्लाई होता है कौथून की बीएमसी से

जिस बीएमसी (दूध संकलन केन्द्र) पर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की। वह बीएमसी गोविंद नारायण जाट की है। नियमानुसार बीएमसी पर आसपास के किसानों से दूध एकत्रित किया जा सकता है लेकिन जहां कार्रवाई हुई, वहां टोंक जिले के दतवास से दूध लाया जा रहा था। रोजाना करीब साढे तीन हजार दूध जयपुर सरस डेयरी में भेजा जाता था। पुलिस की जांच में पता चला कि वनस्पति घी और अन्य केमिकल मिलाकर नकली दूध के टेंकर भरकर जयपुर सप्लाई किए जाते रहे। ऐसे में पुलिस ने इस बीएमसी पर कार्रवाई की है।

जानिए मिलावट करने पर क्या सजा हो सकती है

मिलावटी उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ फूड सेफ्टी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर 5 लाख रुपए के जुर्माने के साथ 6 महीने की सजा का भी प्रावधान है। अगर मिलावटी उत्पाद के उपयोग की किसी की मृत्यु हो जाती है तो 10 लाख रुपए के जुर्माने और 7 साल के कठोर कारावास की सजा के भी प्रावधान है।


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