International Trade Fair: फास्ट फूड पर भारी राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों की थाली, लोगों को खूब भा रहे लिट्टी-चोखा और सत्तू शर्बत – visiters are eating traditional dishes of the states instead of fast food in International Trade Fair


संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। प्रगति मैदान में चल रहे 42वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले को खानपान से अलग करके नहीं देखा जा सकता। यही वजह है कि यहां के सभी फूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों के साथ शहरी व्यंजन भी खूब मिल रहे हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि फास्ट फूड के शौकीन लोग भी यहां देसी व्यंजन खूब मजे लेकर खाते नजर आते हैं।

गौरतलब है कि व्यापार मेले के फूड कोर्ट में छोले-भटूरे, चाउमीन, सैंडविच, बर्गर, पिज्जा, छोले-कुल्चे व पेटीज इत्यादि सभी कुछ मिल रहा है। इसके साथ ही मक्के की रोटी-सरसों का साग, दाल बाटी चूरमा, लिट्टी-चोखा, खाजा, सत्तू शर्बत, लौंग लता, अनरसा, इडली-डोसा और उत्पम इत्यादि पारंपरिक व्यंजन भी उपलब्ध हैं। मेले में दर्शक पारंपरिक व्यंजन को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह बात अलग है कि प्रगति मैदान में इन सभी व्यंजनों के लिए रेट थोड़े ज्यादा हैं। 150 से 200 रुपये तक में एक प्लेट मिल रही है, मगर तब भी लोग पसंद कर रहे हैं।

अनरसा लोगों को खूब पसंद आ रहे रहे

पटना के अरविंद कुमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके बनाए अनरसा व ठेकुआ का स्वाद ले चुके हैं। इसीलिए बिहार की इस खास मिठाई के लिए रोज हमारे स्टाल पर भीड़ उमड़ रही है l पटना से ही टिंकू कुमार के बिहार व्यंजन स्टाल पर सिलाव के खाजा एवं अनरसा लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।

अंडा कबाब और चिकन कबाब की काफी मांग

केरल मंडप में कुदुंबश्री के व्यंजनों में, कप्पा (टैपिओका)-मछली करी, पुट्टू (चावल पाउडर से बना)- मछली करी, चट्टी-पथरी, सांबर-वड़ा और पोरोटा जैसे अति स्थानीय स्वाद सबसे लोकप्रिय आइटम हैं। ‘वनारानी’ (अर्थात् जंगल की रानी) एक बहुत ही खास व्यंजन है, जो दिल्ली के मलयाली लोगों का दिल जीत लेता है। वनरानी कांबो में डोसा, चटनी, सूप और विशेष रूप से तैयार चिकन शामिल है। एक और खास चीज है ब्लैक जीरा चिकन। कुदुंबश्री स्टाल पर मालाबार चिकन बिरयानी, चिकन थोरन, अंडा कबाब और चिकन कबाब की काफी मांग है।

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केरल की फिल्टर काफी भी खूब पसंद की जा रही है। दिल्ली निवासी राज बताते हैं कि एसएएफ के फूड स्टाल पर विभिन्न प्रकार के समुद्री भोजन परोसे जा रहे हैं। “वहां पांच तरह की फिश करी मिलती है। ये करी मैकेरल, झींगा, सार्डिन, पोम्फ्रेट और सीयर मछली से बनाई जाती हैं। मछली बिरयानी, झींगा बिरयानी, मछली करी भोजन की अत्यधिक मांग है। गाजर पायसम भी एसएएफ फूड कोर्ट में उपलब्ध है। यह बेहतरीन अवसर है केरल राज्य के व्यंजन चखने का।”

व्यापार मेले के बिहार मंडप में बिहार के व्यंजनों का स्वाद लेते आगंतुक

मेले में गुरुवार को पहुंचे 50 हजार से अधिक दर्शक प्रगति मैदान में चल रहे 42वें व्यापार मेले में अब कार्य दिवसों में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। मेले के आयोजक आइटीपीओ के उप महाप्रबंधक किशन कुमार ने बताया कि गुरुवार को दर्शकों की संख्या 50 हजार से अधिक रिकार्ड की गई।

सोमवार तक चलने वाले इस मेले के आखिरी दिनों में कुछ कंपनियों और स्टाल की तरफ से छूट भी दी गई है। जूते-चप्पल, जैकेट और सर्दी के कपड़ों की खरीद पर कुछ ब्रांडेड कंपनियां 50 प्रतिशत तक की छूट दे रही हैं। हस्तशिल्प से तैयार उत्पादों पर भी छूट दी जा रही है। खादी इंडिया के कुछ उत्पादों पर 20 प्रतिशत की छूट मिल रही है।


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