Health News : बाजार में कोदो राईस, कुटकी राईस, रागी फ्लोर, सरगम पास्ता, रागी पास्ता, कोदो पास्ता की बहुत डिमांड है।
Publish Date: Fri, 24 Nov 2023 12:54 PM (IST)
Updated Date: Fri, 24 Nov 2023 12:54 PM (IST)
HighLights
- मिलेट्स से बने पिज्जा, बर्गर बच्चों को आ रहे पसंद।
- एलीट क्लास कर रहा मिलेट्स का उपयोग।
- कोदो में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और एण्टी आक्सीडेंट हैं।
Health News : नई दुनिया जबलपुर। आज के समय हर कोई हेल्थ कांशियस हो गया है। अब घरों में महिलाएं परिवार के हर व्यक्ति की सेहत के प्रति सतर्क हो गई है। ऐसे में कोदो व कुटकी को किचिन प्रमुखता दी जा रही है। बाजार में कोदो राईस, कुटकी राईस, रागी फ्लोर, सरगम पास्ता, रागी पास्ता, कोदो पास्ता की बहुत डिमांड है।
युवा पीढ़ी भी मिलेट्स से बने फूड को पसंद कर रही है
बच्चों को मिलेट्स से बना पिज्जा, बर्गर सर्व किया जा रहा है। युवा पीढ़ी भी मिलेट्स से बने फूड को पसंद कर रही है। मिलेट्स से बनी कुकीज, टिक्की, सुबह का नाश्ता, मिलेट्स की खीर, ज्वार का पराठा, फ्राइड इडली आदि बनाकर खा रहे हैं। डाइट एक्सपर्ट सपना साहू ने बताया कि कोदो के व्यंजन में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और एण्टी आक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। यह ग्लूटन-फ्री होता है। इनमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है।
इन मिलेट्स से बहुत सारे फायदे है
वजन घटाने में फायदेमंद, ग्लूटन फ्री अनाज, डायबिटीज रिवर्स करने में मददगार पेट सम्बन्धी समस्यायें दूर होती है। साथ ही लिवर व किडनी को स्वस्थ रखता है। मोटा अनाज अच्छा पाचक होता है। छह महीने के बच्चे को भी रागी दे सकते है। इससे कैल्शियम की कमी पूरी होती है। अधिकांश मोटे अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन बी 12 होता है। जो एकाग्रता बढ़ाने और वजन कम करने में काफी मदद करता है।
मोटे अनाज के स्नैक्स भी
दीपिका सरकार ने कहा कि बेसन के सेव या नमकीन खाने की बजाय अब मोटे अनाज के स्नैक्स बना रही हूं। जो सेहत के लिए फायदेमंद है। मोटा अनाज का के बिस्किट और केक बच्चों के लिए स्वादिष्ट होता है, और उन्हें स्वस्थ बनाता है। अब मोटे अनाज के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। होटल्स में भी मोटा अनाज से बने व्यंजन सर्व किए जा रहे है। रागी डोसा, रागी रोटी, मिलेट्स की खीर, लेमन पुलाव आदि स्वादिष्ट व्यंजन मिलते है।
मैदा का उपयोग बंद
ममता राय ने बताया कि अब तो घर को मेन्यू एकदम ही बदल गया है। गेंहू के अलावा ज्वार और बाजरे का आटे का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। बच्चों को जो मैगी पसंद आती थी, उसकी जगह अब मोटे अनाज का दलिया और खिचड़ी पसंद आने लगा है। यह काफी फायदेमंद भी हैं। मोटे अनाज से कोई बोर न हो, इसके लिए घर में अलग अनाज की रेसीपी बनाई जाती है। मोटे अनाज का प्रयोग इस कदर बढ़ा दिया है कि मैदा का प्रयोग तो बिलकुल ही खत्म हो गया है।
अब बनाए जा रहे स्वादिष्ट व्यंजन
ट्विंकल जैन के अनुसार पहले मोटा अनाज केवल बीमार होने पर खाया जाता था, पर अब इसके इतने स्वादिष्ट व्यजंन बनने लगे हैं कि हम लोग इसे अपने खाने में शामिल किए बिना नहीं रह पाए। इसके साथ ही मोटा अनाज सेहत का काफी ध्यान रख रहा है। अब मेरे घर में मोटा अनाज पहले से करीब तीन गुना प्रयोग होने लगा है। घर के सभी सदस्यों को मोटा अनाज खाने की आदत डाल रही हूं। मोटा अनाज में कई सारे पोषक तत्व होते है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है।
खानपान का बदला स्वरुप
पूजा पटेल ने कहा कि हमारे घर में प्रतिदिन मोटा अनाज का सूप बनता है। मिर्च और प्याज के साथ सूप काफी स्वादिष्ट हो जाता है। अब प्रतिदिन का नाश्ता और खाना का स्वरुप पूरी तरह से बदल गया है। अब रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का आदि को शामिल कर लिया गया है। समय के अनुसार खानपान में बदलाव लाना जरुरी है। आज के समय में हर व्यक्ति को अपनी सेहत और खानपान ठीक रखने की जरूरत है। कई तरह की नई-नई बीमारियां आ गई है। उनसे बचने की जरूरी है।