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ग्रेनो में बनेगा एनसीआर का सबसे बड़ा मनोरंजन पार्क
– कंपनी ने प्राधिकरण से मांगी 100 एकड़ जमीन, वैश्विक निवेश सम्मेलन में कंपनी ने प्रदेश सरकार से किया था करार
मनोज कुमार
ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो के मुरसदपुर गांव के पास नाइट सफारी योजना फ्लॉप होने के बाद खाली भूखंड के 100 एकड़ में एनसीआर का सबसे बड़ा मनोरंजन पार्क/वाटर पार्क बनाने की तैयारी है। बेंगलुरु से वांडरेला कंपनी की टीम जल्द ही जमीन का निरीक्षण करने आ रही है। कंपनी ने वैश्विक निवेश सम्मेलन में इस बाबत करार किया था।
ग्रेटर नोएडा में नाइट सफारी के लिए 260 एकड़ जमीन चिह्नित की गई थी। करीब 277 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण कराया जाना था। यहां 120 एकड़ जमीन पर मनोरंजन पार्क समेत अन्य पर्यटन गतिविधियों के लिए चिन्हित की गई थी। हालांकि प्रदेश में सरकार बदलते ही परियोजनाएं भी बदल गईं। अब नाइट सफारी के लिए आरक्षित जमीन खाली है। अभी तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से कोई योजना नहीं बनाई है।
इसी जमीन पर वांडरेला कंपनी 100 एकड़ में पार्क बनाना चाहती है। कंपनी बेंगलूरु में करीब 88 एकड़ में बने वाटर पार्क का संचालन करती है। हालांकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस जमीन को देने से पीछे हट रहा है, लेकिन कंपनी ने इसी जमीन की मांग शासन में रखी है। कंपनी की ओर से ग्रेटर नोएडा में स्थलीय निरीक्षण के लिए एक कमेटी अगले सप्ताह आएगी। इसकी खबर मिलते ही अधिकारियों ने जमीन से जुड़ी सारी जानकारी और दस्तावेज जुटाने शुरू कर दिए हैं।
पांच हजार करोड़ का निवेश करेगी कंपनी
लखनऊ में हुए वैश्विक निवेश सम्मेलन में कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ करार में पांच हजार करोड़ से अधिक का निवेश की इच्छा जताई थी। फिलहाल कंपनी बेंगलूरु समेत कई स्थानों पर अलग-अलग परियोजनाएं चला रही हैं। नोएडा एयरपोर्ट के बनने से ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के बीच यह स्थान काफी महत्वपूर्ण होगा। इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा में नहीं है अभी कोई मनोरंजन पार्क
तीन दशक से ग्रेटर नोएडा बसा हुआ है। आज तक यहां मनाेरंजन पार्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। मनोरंजन पार्क बना तो ग्रेटर नोएडा निवासियों को खासी सुविधा मिलेगी। ग्रेनो प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि मांगी गई जमीन नाइट सफारी के लिए आरक्षित की गई थी। इस जमीन को प्राधिकरण किस प्रयोग में ले सकता है और मास्टर प्लान में इस जमीन के लिए तय की गई योजना का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।