उत्तरकाशी की टनल में मजदूरों के फंसे होने का 10वां दिन था। उनसे वॉकी-टॉकी से बातचीत तो हो रही थी, लेकिन 10 दिनों तक किसी ने उनकी शक्ल नहीं देखी थी। 21 नवंबर को पहली बार दुनिया के सामने मजदूरों का चेहरा सामने आया। ये संभव हुआ एंडोस्कोपिक कैमरे से, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर शरीर के अंदर मेडिकल जांच में किया जाता है। | Uttarakhand Tunnel Collapse; Uttarkashi Under-Construction Silkyara Tunnel Rescue Technology Explained मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में कई तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया। भास्कर एक्सप्लेनर में ऐसी ही 6 टेक्नोलॉजी और उसके काम करने के तरीके को जानेंगे…