Food Safety Tips For hiv Patients In Hindi: एड्स के मरीजों का शरीर बहुत ही नाजुक होता है। उनके लिए हल्की सर्दी-जुकाम भी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए, विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि एड्स के मरीजों को समय पर दवाई लेनी चाहिए, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए और खानपान की भी अच्छी आदतों को अपनी जिंदगी में शामिल करना चाहिए। हालांकि, एड्स के मरीज अपनी सेहत के लिए अनुकूल सावधानियां बरतते हैं। इसके बावजूद, अक्सर देखने में आता है कि वे फूड सेफ्टी टिप्स को फॉलो नहीं करते हैं। आपको बता दें कि अगर आपको फूड सेफ्टी टिप्स को फॉलो न करें, तो और खराब तरह की सब्जियां या फल का सेवन कर बैठें, तो इससे आपकी तबियत बिगड़ सकती है। आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि फूड सेफ्टी टिप्स क्या हैं और इन्हें क्यों फॉलो किया जाना चाहिए। इस संबंध में हमने डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की है।
फूड सेफ्टी टिप्स क्या हैं?- What is Food Safety Tips In Hindi
एचआईवी के मरीजों की इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर होती है। अगर वे खराब सब्जी या फल खा लें, तो इससे उन्हें फूड प्वाइंजनिंग जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। फूड सेफ्टी का ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि सब्जियों की वजह से होने वाली बीमारियों से पहले से ही बचा जा सके। इसके लिए, एचआई के मरीजों को हेल्दी और न्यूट्रिशस भोजन करना चाहिए और उसकी साफ-सफाई पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। यहां तक कि भोजन को पकाते वक्त भी अपको पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
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किस तरह के फूड सेफ्टी टिप्स फॉलो करें- Food Safety tips In Hindi
कच्चे अंडे न खाएं- Avoid Raw Eggs
कई लोगों को कच्चे अंडे हजम नहीं होते हैं। इसमें साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया होता है। अगर किसी की पाचन क्षमता कमजोर है, तो कच्चे अंडे खाने की वजह से पेट खराब हो सकता है। एचआईवी के मरीजों के साथ भी ऐसा ही है। Hiv.gov के अनुसार, “एचआईवी के मरीजों को कच्चा अंडा, सी फूड और मीट कच्चे नहीं खाने चाहिए।” कच्चा अंडा खाने से पेट में दर्द, फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। एड्स के मरीजों को फूड प्वाइजनिंग होना सही नहीं है। वे अपनी इस बीमारी को इग्नोर नहीं कर सकते हैं, क्योंकि समय पर दवा न लेने से यह घातक साबित हो सकता है।
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सब्जी और फलों को बिन धोए न खाएं- Wash Raw Vegetables And Fruits
हालांकि, कच्ची सब्जियां खाना हेल्थ के लिए अच्छी मानी जाती है। इसमें कई तरह के न्यूट्रिशन होते हैं, जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। लेकिन, कच्ची सब्जियों और फलों को अगर बिना धोए खाया जाए, तो यह पेट के लिए सही नहीं है। बिन धुली सब्जी या फल में जर्म्स या बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो कि खाने के दौरान पेट में जा सकते हैं। इससे पेट में दर्द, पूट में इंफेक्शन और अन्य किस्म की बीमारियां हो सकती हैं। एड्स के मरीजों को इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
बिना फिल्टर का पानी न पिएं- Drink Filtered Water
एड्स के मरीजों को बहुत आसानी से कोई भी बीमारी हो सकती है। खासकर, गंदा पानी पीने से उन्हें लिवर से जुड़ी बीमारियां जकड़ सकती हैं। इसलिए, विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि एड्स के मरीजों को सीधे नलके से निकल रहा पानी, तालाब या नदी का डाइरेक्ट पानी नहीं पीना चाहिए। इनमें कई तरह के जर्म्स-बैक्टीरिया होते हैं। ऐसा पानी पीने से हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। एड्स के मरीजों को चाहिए कि वे फिल्टर वाला पानी ही पिएं। जब भी घर से बाहर निकलें, पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।
बिना हाथ धोए कुछ न खाएं- Wash hands Before Eating Anything
आप अक्सर बच्चों को यह सलाह देते हैं कि कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धोना चाहिए। हम दिनभर में बहुत सारी चीजों को हाथ लगाते हैं, जिसमें अलग-अलग किस्म के बैक्टीरिया होते हैं। यही बैक्टीरिया और जर्म्स हमारे हाथों में चिपक जाते हैं। अगर हाथ धोए बिना खाना खा लिया जाए, तो ये जर्म्स-बैक्टीरिया पेट में जा सकते हैं, जो कि तकलीफ पैदा करते हैं। एड्स के मरीजों को न सिर्फ खाना खाने से पहले हाथों को धोना चाहिए, बल्कि जिस प्लेट का इस्तेमाल करेंगे, उसे भी वॉश कर लेना चाहिए। इससे बीमार होने का रिस्क कम हो जाता है।
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