एम्स की रिपोर्ट: डिब्बाबंद खाने से खराब हो रही सेहत की संजीवनी, पाचनतंत्र में आती है खराबी; कैंसर की भी आशंका


People's health is deteriorating due to canned food

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : iStock

विस्तार


डिब्बा बंद खाना शरीर में सेहत की संजीवनी के नाम से मशहूर प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके नियमित इस्तेमाल से भोजन को पचाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले इस बैक्टीरिया का खात्मा हो जाता है। नतीजतन पेट संबंधी बीमारियां घर करने लगती हैं। आशंका कैंसर सरीखे गंभीर रोगों तक की बनती है। इसका खुलासा एम्स की एक लैब रिपोर्ट से हुआ है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विभाग के मरीजों की जांच में संकेत मिले हैं कि डिब्बाबंद खाना प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रहा है। एम्स विशेषज्ञों का कहना है कि अब विभाग इस पर विस्तृत अध्ययन करने जा रहा है। इसके बाद हालात की भयावहता की असल तस्वीर सामने आएगी। दरअसल, प्रोबायोटिक्स को गुड बैक्टीरिया माना जाता है। इनका काम भोजन को पचाने के साथ उनमें से पोषक तत्व को निकाल कर शरीर के अलग-अलग अंगों तक पहुंचाना है, जबकि प्रोसेस्ड फूड यानी डिब्बाबंद खाने में मौजूद हाई फैट, हाई शुगर इन्हीं बैक्टीरिया को मार देता है। इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। ऐसा होने पर पौष्टिक आहार खाने के बावजूद शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। इससे पेट से जुड़ी बीमारियां शुरू होती है। पहले शरीर में सूजन और धीरे-धीरे व्यक्ति में मधुमेह, रक्तचाप, फेफड़ों का इंफेक्शन, कैंसर, न्यूरो समस्या सहित अन्य परेशानियां शुरू होने लगती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया न केवल खाने से पोषक तत्व को ग्रहण करती है, बल्कि ओरल तरीके से लेने वाले दवा के अणु को भी शरीर के उक्त अंग तक प्रभावित रूप में पहुंचाने में मदद करते हैं। इनके अभाव में शरीर के मुख्य क्रियाएं प्रभावित होती हैं जो आगे चलकर गंभीर रोगों का कारण बन सकती है।

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