शिमला फूड फेस्टिवल में मिलेट्स की मिठाई बनी लोगों के आकर्षण का केंद्र, हाथों-हाथ बिक रही मिठाई


शिमला के रिज मैदान पर लगाए गए फूड फेस्टिवल में लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है. पर्यटकों और स्थानीय लोगों को मिलेट्स की मिठाई काफी पसंद आ रहे हैं. बता दें कि हिम ईरा फूड कार्निवाल 2 से 18 दिसंबर तक चलेगा. पढ़ें पूरी खबर..

स्वयं सहायता समूह की मीनाक्षी शर्मा का बयान

शिमला: राजधानी शिमला के रिज मैदान में हिम इरा फूड कार्निवल में प्रदेश के सभी 12 जिलों का पारंपरिक खान-पान पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इन स्टॉलों में शिव शक्ति, स्वयं सहायता समूह चेबडी से मीनाक्षी शर्मा ने शुगर फ्री मिठाईयों को बिक्री के लिए लगाया है, जिसकी खूब खरीदारी हो रही है. मीनाक्षी शर्मा ने कोदे के लडडू, कोदा बर्फी , बाजरे की बर्फी बाजरे के शुगर फ्री लडडू, अलसी के लडडू, मोटे आनाज की खीर, ड्राई फ्रूट, बाजरा और ड्राई फ्रूट की मुडी, आचार, शहद आदि बिक्री के लिए लगाया है. इन उत्पादों की खूब खरीदारी हो रही है.

हिम इरा फूड कार्निवल में खासकर शुगर फ्री मिठाईयों को लोग खूब खरीद रहे हैं. शुगर फ्री मिठाईयों की कीमत 350 रुपये से 450 रुपये रखी गई. वहीं, ड्राई फ्रूट और शहद, मुडी की कीमत 150 रुपये से 200 रुपये रखी गई है. मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि इस प्रदर्शनी में अच्छा रिस्पांस आ रहा है. इससे पहले भी रिज मैदान पर अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी. उस समय भी काफी लोगों ने मिठाइयां खरीदी थी.

मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि शिमला में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को प्रदेश के हर जिला का पारंपरिक भोजन हर समय उपलब्ध रहेगा और वह कभी भी इसका आनंद ले पाएंगे. कार्निवल में लगभग 30 स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें पारंपरिक व्यंजन, मिलेट्स से तैयार व्यंजन, पारंपरिक कपडे़ और जैविक उत्पाद इत्यादि उपलब्ध हैं. इसके अलावे हर प्रकार की धाम यहां लोगों को चखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह को हर जिला मुख्यालय पर जगह उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वह अपने उत्पादों की वहां बिक्री कर आत्मनिर्भर बन सकें.

मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में यह कार्य किया जा रहा है. इस साल भी हिम इरा फूड कार्निवल का आयोजन किया गया है. जिसके तहत हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के हिमाचली पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.


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