संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Thu, 14 Sep 2023 01:25 AM IST
धर्मशाला। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की अदालत ने कार मालिक को फाइनांस और इंश्योरेंस के मामले में परेशान करने पर कंपनी प्रबंधन को उपभोक्ता को 45 दिन के भीतर 75 हजार रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने आदेश दिए हैं कि अगर निर्धारित समय में मुआवजा राशि नहीं दी तो इसके बाद फाइनांस कंपनी को नौ प्रतिशत ब्याज के साथ राशि लौटानी होगी। वहीं उपभोक्ता आयोग ने फाइनांस कंपनी को 20 हजार रुपये न्यायालय शुल्क के रूप में उपभोक्ता को देने क लिए कहा है।
जानकारी के मुताबिक आयोग के समक्ष तरुण कुमार निवासी हटली (गुम्मर) ज्वालामुखी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्होंने मटौर स्थित मोटर कंपनी से निजी इस्तेमाल के लिए कार टाटा मोटर फाइनांस कंपनी से उसकी ब्रांच के माध्यम से फाइनांस करवाई थी। लोन कांट्रेक्ट आठ फरवरी 2017 को बना था। इस दौरान कंपनी ने कहा था कि वह इंश्योरेंस भी करते हैं। उन्होंने चार वर्षों के लिए इंश्योरेंस के 57,396 रुपये भी लिए। इस दौरान उनकी पॉलिसी में आरसी नंबर गलत डाला गया।
इतना ही नहीं, उनकी कार को टैक्सी दर्शाया गया। इन सब गलतियों को लेकर उन्होंने संबंधित कंपनी अधिकारियों से बात की, लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकला। इसके चलते उन्होंने उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई। आयोग ने सभी तथ्यों को जांचने के बाद टाटा मोटर फाइनांस लिमिटेड कंपनी और उसकी ब्रांच को 75 हजार रुपये मुआवजा और 20 हजार रुपये न्यायालय शुल्क को देने आदेश दिए। साथ ही चोलामंडलम मैसर्ज जनरल इंश्योरेंस कंपनी तमिलनाडु तथा टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी मुंबई और उसकी मंडी स्थित ब्रांच को 7500-7500 रुपये मुआवजा राशि ग्राहक को देने के आदेश दिए हैं।