सदन में कूदने वालों ने कलर स्मॉग का किया था इस्तेमाल।
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संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दोनों आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी. दो स्मोक केन के साथ दो पंफलेट भी लेकर गए थे। इनमें अंग्रेजी में नारे लिखे हुए थे। एक पर जय हिंद का नारा और तिरंगे में मुट्ठी की तस्वीर छपी थी। दूसरे पर मणिपुर मुद्दे को लेकर नारे लिखे हुए थे। दिल्ली पुलिस ने चलाए गए स्मोक केन के अलावा इन पंफलेट को भी जब्त कर लिया है।
दूसरी तरफ, पुलिस ने सुरक्षा चूक मामले में संसद मार्ग थाने में दर्ज एफआईआर में यूएपीए की उप-धाराओं के साथ आईपीसी की पांच धाराएं लगाई गई हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने मामले की जांच नई दिल्ली जिला पुलिस से लेकर स्पेशल सेल की काउंटर इंटेिलजेंस यूनिट को सौंपी थी। स्पेशल सेल ने चारों आरोपियों मनोरंजन डी., सागर शर्मा, नीलम आजाद व अमोल शिंदे को बृहस्पतिवार सुबह संसद मार्ग पुलिस से कब्जे में लेकर अपनी गिरफ्त में ले लिया। स्पेशल सेल टीम गुरुग्राम निवासी विशाल उर्फ विक्की और उसकी पत्नी वृंदा शर्मा से पूछताछ कर रही थी। उधर, पुलिस ने गिरफ्तार चारों आरोपियों को बृहस्पतिवार दोपहर बाद अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी आरोपियों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
आरोपियों के फोन जब्त होने पर खुलेंगे राज
पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंेने अपने मोबाइल और अन्य सामान ललित झा के पास रखे थे। मंशा यह थी कि हंगामे का वीडियो बनाकर वह सोशल मीडिया पर साझा करेगा। इसके सहारे उनकी आवाज दूर तक पहुंच सकेगी। पुलिस का मानना है कि ललित के पास से मोबाइल मिलने पर तकनीकी जांच के बाद ही पूरी साजिश का राज खुलेगा। काल डिटेल से पता चलेगा कि वे किस-किस के संपर्क में थे।
सुर्खियों में आना चाहते थे आरोपी
सागर व मनोरंजन ने दिल्ली पुलिस व खुफिया विभाग की संयुक्त पूछताछ में स्वीकार किया है कि उन्होंने यह हरकत सुर्खियों में आने के लिए की थी। अपने कबूलनामे में उन्होंने बताया कि गैलरी में न तो उनको कोई देख रहा था और न ही वह सीसीटीवी कैमरों की जद में थे। उन्हें देश का ध्यान अपनी तरफ खींचना था, इसलिए लोकसभा में कूद गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि वे सुर्खियों व कैमरों में आने के लिए सदन के अंदर टेबलों पर छलांग लगाते रहे।
मेटल डिटेक्टर जांच के दायरे में
इस घटना के बाद संसद भवन के गेट नंबर-2 पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) भी जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस अधिकारियों की मानें तो ये डीएफएमडी 10-15 साल पुराना है। ऐसे में डीएफएमडी स्मोक स्टिक (स्मोक केन) को पकड़ नहीं पाया।
इन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज
- आईपीसी 186 -सरकारी अधिकारी या लोक सेवक के काम में बाधा डालना।
- आईपीसी 353 – बाधा डालने के दौरान सरकारी कर्मचारी पर हमला करना।
- आईपीसी 153 – धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश। इसके अलावा आपराधिक षडयंत्र समेत अन्य धाराएं लगाईं।
यूएपीए (उपधारा 16 व 18)
यूएपीए का मतलब है गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम। इस कानून के तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों या अन्य लोगों को चिह्नित करती है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं।
जूतों में मोटी सोल लगाकर छिपाए थे स्मोक केन
सागर व मनोरंजन जूतों की सोल में स्मोक केन छिपाकर घुसे थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों ने मुंबई से दो जोड़ी नए जूते और छह स्मोक केन खरीदे थे। सारा सामान लेकर वे गुरुग्राम आए। जूतों में मोटी वाली सोल लगवाई। जूते में एड़ी की तरफ से बड़ा होल किया और स्मोक केन को छिपा लिया। जब संसद में कूदे तो स्मोक केन निकालकर स्टिक खींच कर उन्हें चला दिया। इससे धुआं ही धुआं हो गया।