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सबक : पटियाला में केक खाने के बाद हो गई थी बच्ची की मौत, सस्ते के चक्कर में जान को हो सकता है खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी
बस्ती। पंजाब के पटियाला में ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप के माध्यम से मंगाया केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत की घटना सबक देने वाली है। इस घटना से यह भी पता चलता है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी के इस धंधे में सबकुछ ठीक ही नहीं है।
बस्ती में भी ऑनलाइन फूड डिलीवरी का कारोबार खूब चमक रहा है। जानकर घबरा जाएंगे कि डिलीवरी वाले रेलवे स्टेशन के पास गंदगी वाली जगहों से भी खाना, नाश्ता पैक करवाकर पहुंचा दे रहे हैं। ऐसे में अगर ऑनलाइन फूड डिलीवरी का प्रयोग कर रहे हैं तो सफाई और सेहत का भी ध्यान रखें। यह ख्याल रखें कि उसी रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करना चाहिए, जिसकी गुणवत्ता को लेकर आप खुद आश्वस्त हों।
शहर में ऑनलाइन फूड डिलीवरी का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। तमाम छोटे-बड़े रेस्टोरेंट तक से खाने-पीने का सामान मंगवाया जा रहा है। यहां तक कि स्ट्रीट वेंडर भी ऑनलाइन सामान आपूर्ति करने लगे हैं। अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए समय पर लुभावने छूट का ऑफर दे रहे हैं। इन्हीं ऑफर को देखकर लोग खाना ऑर्डर करते हैं। ऑनलाइन डिलीवरी का यह कारोबार पूरी तरह से भरोसे पर निर्भर है।
रेलवे स्टेशन से लेकर गांधीनगर और शहर के कई इलाकों से सड़क किनारे से ही खाने का सामान पैक करके डिलीवरी वाले घरों तक पहुंचा दे रहे हैं। ऐसे में अगर आपने ऑनलाइन साइट पर उपलब्ध दुकान पर ऑर्डर दिया है और उसके बारे में खुद ही नहीं जानते तो वहां बनी खाद्य सामग्री के बारे में कैसे जानेंगे। अगर खाने का सामान पहले का बना है और उसे दोबारा गर्म कर ग्राहक को भेज दिया गया है तो वह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
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यह हुआ था
पटियाला में 24 मार्च को जन्मदिन पर केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। जबकि परिवार के चार अन्य सदस्यों की तबीयत खराब हो गई। पुलिस ने मामले में परिजनों की शिकायत पर संबंधित बेकरी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मृतक की पहचान मानवी के तौर पर हुई। अमननगर निवासी परिवार के मुताबिक, 24 मार्च को मानवी का जन्मदिन था। मां काजल ने बताया कि शाम को उन्होंने ऑनलाइन केक ऑर्डर किया था। सभी ने बड़े चाव के साथ केक खाया। थोड़ी देर बाद सभी की तबीयत खराब होने लगी। सबको उल्टियां होने लगीं। 10 साल की मानसी की अगले दिन 25 मार्च की सुबह अस्पताल में मौत हो गई। अमूमन जन्मदिन एवं अन्य उत्सवों में मंगाए जाने वाले केक पर एक्सपायरी डेट नहीं होते हैं। इसके अलावा क्रीमरोल, पिज्जा, बंद, पाव आदि बेकरी के सामग्री पर भी एक्सपायरी डेट नहीं होता है। इसकी आड़ में कई-कई दिनों पहले बनी सामग्री बेची जा रही है।
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क्लाउड किचन की भी हो निगरानी
महिला पीजी कॉलेज की होम साइंस की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका मिश्रा बताती हैं कि खाने-पीने के मामले में बढ़ते ऑनलाइन ट्रेंड पर निगरानी का सिस्टम जरूरी है। आजकल क्लाउड किचन का चलन हो गया है। इसके लिए कोई भी मानक नहीं है। क्लाउड किचन वह है, जहां लोग अपने घर में खाना बनाकर किसी कंपनी या दुकान पर आपूर्ति करते हैं। कई बार वे खुद ही सीधे ग्राहक को भी आपूर्ति करते हैं, लेकिन उनके किचन या खाद्य सामग्री की जांच नहीं होती। ऑनलाइन खाना मंगवाते समय हमेशा गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है। इसका बेहतर तरीका तो यही है कि अगर किसी वजह से रेस्टोरेंट से खाना मंगवा रहे हैं, तो जिस पर आपको भरोसा हो, वहीं से आर्डर दें।
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रेस्टोरेंट की रेटिंग जरूर चेक करें
शंकर रेस्टोरेंट की संचालक सुरभि सिंह का कहना है कि ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने से पहले आप रेस्टोरेंट की रेटिंग जरूर देखें। खाने की क्वालिटी, हाईजीन और ग्राहकों का फीडबैक और अन्य कई मानकों पर रेस्टोरेंट को रेटिंग मिलती है। अच्छी रेटिंग वाले रेस्टोरेंट कभी भी खराब खाना भेजकर अपना नाम खराब नहीं करेंगे। जिस रेस्टोरेंट पर आप पहले कभी भोजन कर चुके हों और आपको उस पर भरोसा हो, तो वहीं से खाना ऑर्डर करें। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे रेस्टोरेंट हैं जो खाना तो सस्ता देते हैं, लेकिन हाईजीन की कोई गारंटी नहीं होती।
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ताजे केक का ही प्रयोग हमेशा करें
बेकरी कारोबारी रानू चावला बताते हैं कि केक बनाने के लिए जो सामग्री प्रयोग में लाई जाती है, यह फ्रिज में रखने पर भी अधिकतम 12 घंटे तक ही ठीक रह सकती है। इसलिए ब्रेड, क्रीम, दूध आदि से बनी खाद्य सामग्री का प्रयोग हमेशा ताजा ही करें। मान लीजिए आप ने एक ऑर्डर पर केक मंगाया और उसे फ्रिज में रख दिया। अगले दिन उसे खाया, तब तक उसकी गुणवत्ता खराब हो चुकी होगी। इस वजह से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। अमित लखमानी का कहना है कि ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, केक लेते समय आप हमेशा उसकी एक्सपायरी डेट जरूर देखें। आप जहां से खरीद रहे हैं, वहां सफाई व्यवस्था सही है या नहीं, इसका भी ख्याल रखें। बिना सोचे-समझे किसी भी दुकान से ऑर्डर न करें।