Bhopal Crime News: किराये पर कार लेकर दूसरे जिलों में बेच रहा था गिरोह, एक करोड़ की दस कारें बरामद – Bhopal Crime News Gang was taking cars on rent and selling them in other districts ten cars worth one crore recovered


इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देकर किराये पर लेते थे कार। बाद में फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच देते थे।

Publish Date: Tue, 12 Sep 2023 08:28 AM (IST)

Updated Date: Tue, 12 Sep 2023 08:28 AM (IST)

Bhopal Crime News: किराये पर कार लेकर दूसरे जिलों में बेच रहा था गिरोह, एक करोड़ की दस कारें बरामद
प्रतीकात्मक चित्र

HighLights

  1. तीन दोस्तों ने मिलकर गिरोह तैयार किया था।
  2. एक गिरफ्तार, दो आरोपितों की तलाश जारी।
  3. आरोपित ग्वालियर, विदिशा, नरसिंहगढ़, अशोकनगर सहित अन्य जिलों में भी कर चुके थे धोखाधड़ी।

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। एक करोड़ कीमत की 10 कारें मिसरोद पुलिस ने एक शातिर जालसाज गिरोह से बरामद की हैं। पुलिस को आरोपित के दो साथियों की तलाश है। तीन दोस्तों ने मिलकर एक गिरोह तैयार किया था और वह ट्रांसपोर्टर से किराए पर कार चलाने का बोलकर गाड़ी लेते थे। बाद में फर्जी दस्तावेज की मदद से यह कार दूसरे जिलों में ले जाकर बेच देते थे या गिरवी रख देते थे। इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग माध्यमों पर लुभावने आफर देकर वह लोगों को अपने जाल में फांसते थे।आरोपित भोपाल के अलावा ग्वालियर, विदिशा, नरसिंहगढ़, अशोकनगर सहित अन्य जिलों में भी धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।

सर्चिंग में जुटी थीं तीन टीमें

मिसरोद थाना प्रभारी आरबी शर्मा ने बताया कि धोखाधड़ी के संबंध में पांच सितंबर को फरियादी ने आवेदन देते हुए बताया था कि मैंने अपनी तीन कारें मोनिस नायर को किराए पर चलाने को दी थी। 30 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से किराया तय हुआ था, लेकिन उसने न तो किराया दिया और न ही मेरी कारें लौटा रहा है। इस पर पुलिस ने आरोपित मोनिस नायर के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। पुलिस ने तीन टीमें बनाई और तकनीकी जांच के बाद आरोपित मोनिस नायर को गिरफ्तार किया।

ऐसे करते थे वारदात

आरोपित मोनिस ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने अपने दो साथी आशीष उर्फ आसू और नितिन सोनी के साथ मिलकर आशिमा माल में इनोवेटिव सेल्फ ड्राइन रेंटल कार्स एंड ट्रेवल नाम से कंपनी बनाकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फांसते थे। वह लोगों को लुभावने आफर देकर उनकी कार किराए पर लेते थे। इसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनकी किराये पर ली कारों को बेच देते थे या गिरवी रखकर रुपये ले लेते थे।


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