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Budget 2024 Expectations: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकार का हिसाब-किताब पेश करेंगी. चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बजट में बड़े ऐलान की संभावना नहीं बहुत कम है, लेकिन वोटबैंक को साधने के लिए ये बड़ा मौका भी है सरकार के लिए. ऐसे में इस बजट में सरकार का फोकस जहां चार जातियों (किसान, गरीब, युवा और महिलाएं) पर हो सकता है तो वहीं सरकार 3F फैक्टर को लेकर बड़े ऐलान हो सकते हैं. उस बजट में 3F यानी फूड, फ्यूज और फर्टिलाइजर्स पर मिलने वाली सब्सिडी पर फोकस हो सकता है.
बजट में 3F पर फोकस
पिछले बजटों में भी सरकार ने खाद्य, खाद और फ्यूज यानी ईंधन पर मिलने वाली सब्सिडी पर जोर दिया था. सरकार अलग-अलग योजनाओं के तहत किसानों, गरीबों, महिलाओं समेत अन्य वर्गों को सब्सिडी देती है. मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 1,96,769 करोड़ रुपये सब्सिडी पर खर्च किया तो वहीं दूसरे कार्यकाल में सब्सिडी में भारी इजाफा किया. ऐसे में उम्मीद यही है कि सरकार इस बार भी बजट में सब्सिडी में कोई कमी नहीं करेगी. संसद के पिछले सत्र में सरकार ने फूड, एलपीजी और फर्टिलाइजर सब्सिडी के मद में 28,630.80 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करने का प्रस्ताव पारित करवाया. वित्त वर्ष 2022-23 के में सरकार के कुल सब्सिडी बिल में फूड का हिस्सा 47.7 %, फर्टिलाइजर का 44 % और फ्यूल का सिर्फ 1.2% रह गया.
फूड, फ्यूज और फर्टिलाइजर्स पर सरकार का जोर
चुनावों से ठीक पहले आने वाले बजट में सरकार सब्सिडी के जरिए बड़े वोटबैंक को साधने की कोशिश करेगी. उम्मीद तो यहीं है कि सरकार कि सरकार सब्सिडी में बढ़ोतरी चुनावी बजट का पूरा फायदा उठा सकती है. जानकारों की माने तो इस बजट में प्रधानमंत्री किसान निधि योजना की रकम में बढ़ोतरी के लेकर खाद्य सुरक्षा सब्सिडी, उज्जवला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार खाद्य और खाद सब्सिडी के लिए 4 लाख करोड़ बजट की घोषणा कर सकती है. वहीं मुफ्त अनाज स्कीम को सरकार अगले पांच सालों के लिए और बढ़ाने का ऐलान कर सकती है.
सरकार बजट में पीएम-किसान से लेकर मनरेगा, खाद, खाद्य और ईंधन जैसी स्कीमों पर मिलने वाली सब्सिडी में फिलहाल कोई छेड़छाड़ नहीं करने वाली है. इस सब्सिडी का लाभ सबसे ज्यादा ग्रामीण और मिडिल क्लास को मिलता है. ऐसे में इसमें कोई भी बदलाव कर चुनावी साल में सरकार संकट मोल नहीं लेगी.