Cartoons: मनोरंजन से बढ़कर भी है कार्टून का अस्तित्व


इंसानी दिमाग एक रिसर्च के हिसाब से हमेशा देखी हुई चीज़ों को याद रखता है। पहले के समय में भी लोग अपनी दिनचर्या ड्रा करके बताते थे। हमेशा से ही किसी चीज़ को व्यक्त करने के लिए चित्रों का इस्तेमाल हुआ है। इसे आधुनिक भाषा में कार्टून कहते हैं।

कार्टून शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले बच्चों के लिए बनाया हुआ शो ही याद आता है। और कार्टून मूलतः बच्चों के लिए ही बनाए गए थे। लेकिन, क्या आपको पता है कि कार्टून का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए ही नहीं होता। कार्टून्स को और भी अलग-अलग जगह इस्तेमाल किया जाता है।

आपने देखा होगा कि अखबार में अलग से एक व्यंग करते हुए कार्टून बनाये हुए आते हैं। उनका उपयोग आज मुख्य रूप से समाचार पत्रों में राजनीतिक टिप्पणी और editorial opinion व्यक्त करने और मैगज़ीन में सोशल कॉमेडी और डिज़ाइन के लिए किया जाता है। और कभी-कभी तो खबरें देने के लिए भी होता है।

हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने पूरी ज़िन्दगी अपने इस कार्टून बनाने के हुनर को सही दिशा दे के इसमें करियर बनाके गुज़री हैं। उन्ही में से कुछ हस्तियां हैं R.K. Lakshman, K. Shankar Pillai, Abu Abraham, Satish Acharya, Maya Kamath. इनके अलावा अमेरिका के एक कार्टूनिस्ट Bill Watterson भी थे। उनके कार्टून्स आज भी अंग्रेजी अख़बारों में हमें देखने को मिलते हैं।

अख़बारों और मैगज़ीन के अलावा सोशल मीडिया पर हम जो memes देखते हैं वह भी एक तरह से कार्टून ही होते हैं। बड़ों के लिए बनाये हुए कार्टून्स को एनीमेशन कहते हैं। एनीमेशन का इस्तेमाल करके हम अपने विचार आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। अपनी दी हुई जानकारी को और भी मज़ेदार बनाने के लिए जो Youtubers आजकल मुख्यतः एनीमेशन का उपयोग कर रहे हैं।

इसलिए कार्टून अब सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि पोलिटिकल व्यंग, सामाजिक व्यंग, जानकारी देने का साधन और कहानियां सुनाने का साधन भी बन गए हैं। इन सबके बीच एक और अच्छी बात हुई कि अब हम अपना करियर कार्टून बनाने में भी कर सकते हैं।


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