Champawat News: फूड प्वाइजनिंगः श्रमिक परिवारों के 14 लोगों की हालत बिगड़ी


Food poisoning: condition of 14 people from labor families deteriorated

उप जिला अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग से गंभीर बच्चाें का उपचार करते स्वास्थ्य कर्मी। संवाद

टनकपुर (चंपावत)। यूपी के हरदोई जिले में एक शादी समारोह में बनाए गुलाब जामुन खाने से शारदा खनन क्षेत्र के तीन श्रमिक परिवारों के 14 लोगों की हालत बिगड़ गई। अस्पताल में एक साथ गंभीर मरीज आने से अफरातफरी मच गई। रविवार रात भर अस्पताल में सभी का उपचार किया गया। सुबह हालत ठीक होने पर डिस्चार्ज किया गया। एक श्रमिक की भांजी की शादी में यह गुलाब जामुन बने थे।

जानकारी के अनुसार रविवार रात करीब सवा नौ बजे एक साथ फूड प्वाइजनिंग से शारदा खनन श्रमिकों के तीन परिवारों के 14 सदस्योें हालत बिगड़ने पर उप जिला अस्पताल लाया गया। डॉ. मोहम्मद उमर के नेतृत्व में टीम उपचार में जुटी। शारदा खनन क्षेत्र के कालझाला के छान श्रमिक और मूल रूप से उत्तरप्रदेश के जिला हरदोई, तहसील हरदोई के ग्राम अमौना निवासी बबलू पुत्र मचले ने बताया कि वह और उनके रिश्तेदार मुनेश का परिवार अपने गांव से करीब छह किमी दूर जिला हरदोई के खटेली में भांजी रुचि की शादी में गए थे।

26 अप्रैल को शादी समारोह हुआ। समारोह से वह करीब सवा किलो गुलाब जामुन लेकर आए थे। शाम छह बजे के बाद तीन परिवारों के लोगों ने गुलाब जामुन को खाया। रात करीब आठ बजे से उनकी हालत बिगड़ने लगी। रात करीब साढ़े नौ बजे तक हालत बिगड़ने पर बबलू के परिवार के उसकी पत्नी रेनू देवी (35), पुत्र शीतल (14), पुत्री नैंसी (11), सुभाषिनी (8), जिला सीतापुर के नांदन निवासी मुनेश (40) की पत्नी सीमा (32), पुत्र दिवेश (11), आदेश (8), नितिन (7), अनिल के परिवार के सोनी (28), पुत्री रोमी (7), आरुषी (5), पुत्र कार्तिक (3), पवन की पुत्री अनवी (4) को उप जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। रात भर इलाज के बाद सोमवार सुबह सभी की हालत में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. उमर ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग से हालत बिगड़ी थी। अब सभी स्वस्थ हैं।

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इनसेट-

हरदोई में भी 30-40 की हालत बिगड़ी तब समझा पकौड़ी है जहरीली

टनकपुर। खनन श्रमिक बबलू ने बताया कि हरदोई में 26 अप्रैल को उसकी भांजी की शादी हुई। शादी के बाद रात में वहां भी करीब 30-40 लोगों की हालत बिगड़ी थी। लेकिन तब यह कहा गया कि पकौड़े जहरीले हैं। इसलिए वह सवा किलो गुलाब जामुन लेकर यहां आ गया। यहां से हरदोई फोन किया और बताया कि पकौड़ी के बजाय गुलाब जामुन विषैले हैं। तब वहां बचे हुए गुलाब जामुन फेंक दिए गए।


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