Chandigarh News: आईडीबी से बचना है तो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से कर लें तौबा


चंडीगढ़। आईडीबी यानि इंफ्लामेट्री बाउल डिजीज से बचना है तो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से तौबा कर लें। यह एक ऐसा मर्ज है जो रोगियों में पुरानी सूजन से कोलोरेक्टल कैंसर, छोटी आंत का कैंसर, आंतों का लिंफोमा और कोलेजनियोकार्सिनोमा का कारण बन सकता है। यह बात पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. विशाल ने रविवार को भार्गव सभागार में आहार विज्ञान विभाग की तरफ से आयोजित छठे राष्ट्रीय पोषण सम्मेलन में बतौर वक्ता कही। इस अवसर पर आहार पर पुस्तक का भी विमोचन हुआ। उन्होंने बताया कि आईडीबी को सूजन आंत्र रोग भी कहा जाता है। पहले देश में इसके मरीज कभी-कभार कहीं मिल जाते थे, लेकिन अब मरीजों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण खान-पान में हो रहा बदलाव है। इससे बचाव के लिए अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाना बंद करना होगा। वहीं, अपने आहार में हाई फाइबर डाइट को ज्यादा मात्रा में शामिल करना होगा। डॉ. विशाल ने बताया कि बच्चों के लिए मां का दूध इस मर्ज से बचाव का रामबाण माध्यम है। वहीं ओमेगा 3 फैटी एसिड भी फायदेमंद साबित होता है। उन्होंने बताया कि मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर ही पीजीआई में प्रत्येक वीरवार को आईडीबी क्लीनिक का संचालन न्यू ओपीडी के कमरा नंबर 3027 में किया जा रहा है।

ऐसा होता है अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर की मात्रा कम और चीनी की मात्रा जरूरत से ज्यादा होती है। ऐसी चीजों को खाने से पेट तो भर जाता है, लेकिन वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स को कॉस्मेटिक फूड्स के नाम से भी जाना जाता है। इसमें खाने के प्राकृतिक तत्व हटा कर उसे कृत्रिम तत्वों में बदल दिया जाता है जिससे इसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स, चॉकलेट, कैंडी, आइसक्रीम, पैकेज्ड सूप, चिकन नगेट्स, हॉटडॉग, फ्राइज और बहुत कुछ हैं। ऐसे फूड्स को ही अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड कहते हैं।

इनसेट-

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के नुकसान

– मोटापा बढ़ा सकता है।

-दिल की सेहत को खतरा हो सकता है।

– वैस्कुलर डिजीज और डायबिटिज का खतरा बढ़ सकता है।

– कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

– मेटाबोलिज्म सिंड्रोम के साथ सूजन की समस्या बढ़ सकती है।

बॉक्स

अनलॉकिंग मिलेट्स जर्नी फ्रॉम ग्रेन टू मेडिसिन पुलिस का विमोचन

सम्मेलन में प्रो नरेश पांडा, प्रो विपिन कौशल और प्रो. अशोक कुमार सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान डॉ. नैंसी साहनी, मुख्य आहार विशेषज्ञ और आहार विज्ञान विभाग की प्रमुख द्वारा लिखित अनलॉकिंग मिलेट्स जर्नी फ्रॉम ग्रेन टू मेडिसिन पुस्तक का विमोचन किया। डॉ. नैंसी ने बताया कि पुस्तक के माध्यम से उन्होंने मिलेट्स से जुड़े विभिन्न पहलूओं पर विस्तार से जानकारी देने का प्रयास किया है। उसमें विभिन्न बीमारियों में मिलेट्स के सेवन व उसके प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी गई है। मिलेट्स को लेकर लोगों के मन में उठने वाले सवालों और भ्रम का भी समाधान किया गया है। मिलेट्स से बनने वाले व्यंजनों को बनाने का तरीका भी बताया गया है।


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