चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से महीने के आखिरी शुक्रवार को परिसर में कार फ्री डे का नोटिस जारी किया था। लेकिन सितंबर के आखिरी शुक्रवार को परिसर में कारें रोजाना की तरह ही घूमती नजर आईं और गेटों पर भी कोई जांच या पूछताछ नहीं की गई। प्रशासन की घोषणा सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई। प्रशासन का हर माह के आखिरी शुक्रवार को कार फ्री डे मनाने का उद्देश्य था कि पर्यावरण को बचाने में एक सजग पहल शुरू की जा सके। एक दिन परिसर को कार फ्री बनाया जाए और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए बेहतरीन आदतों को अपनाया जाए। इस दौरान कर्मचारी, शिक्षक, विद्यार्थी और अन्य सदस्य कारों की बजाय साइकिल, ई-रिक्शा, पीयू बस सर्विस या पैदल परिसर में घूमें।
इस मामले में छात्र अर्चित ने कहा कि नोटिस के अनुसार वे एक रात पहले छात्रावास में चर्चा कर रहे थे कि शुक्रवार को परिसर में कार फ्री डे होगा, लेकिन जमीनी हालात ऐसे नहीं थे। हमेशा की तरह ही परिसर का माहौल था। वहीं प्रशासन का पक्ष है कि क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कार फ्री डे पर पीयू में कार्यक्रम करवाया गया, इसलिए इस शुक्रवार को यह लागू नहीं हो पाया। कार फ्री फ्राइडे को अगले माह से लागू किया जाएगा।
परिसर के अंदर भी कार में ही आते-जाते हैं कर्मचारी और छात्र
पंजाब यूनिवर्सिटी के परिसर में कारों की संख्या बहुत बढ़ गई है। पीयू के मुख्य विभागों और प्रशासनिक ब्लॉक के पास दिन के समय पार्किंग की जगह ही नहीं होती। परिसर में एक किमी की दूरी में रहने वाले कर्मचारी भी अपनी कार से ड्यूटी के लिए आते हैं। यही हाल कई विभागों के विद्यार्थियों का भी है। छात्रा दिवांशी ने बताया कि पीयू में बहुत से लड़के छात्रावास से विभाग तक कार से जाते हैं, जिससे परिसर में ट्रैफिक अधिक बढ़ रहा है। लड़कियों ने छात्रावास में कारों की संख्या कम है।
पत्र में तिथि नहीं लिखने से रही असमंजस
कार फ्री डे की सूचना में तारीख नहीं लिखने के कारण असमंजस रही। अंतरराष्ट्रीय कार फ्री डे के दिन कार्यक्रम आयोजित किया गया, इसलिए इस शुक्रवार को कार फ्री डे नहीं मनाया गया। अब अगले महीने से इसे लागू किया जाएगा। -डॉ. परवीन गोयल, एनएसएस समन्वयक