चंडीगढ़। शहर की बेटी परनीत कौर ने (22) इटली की राजधानी रोम में आयोजित वर्ल्ड फूड फोरम में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने पैनल चर्चा में महिला सशक्तिकरण और कृषि में महिलाओं की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी अहम है। उन्हें प्राथमिकता देने की जरूरत है। परनीत आयरलैंड के राष्ट्रपति से लेकर कई देशों के प्रतिनिधियों से मिलीं। परनीत हाल ही में वर्ल्ड फूड फोरम के फ्लैगशिप इवेंट में हिस्सा लेकर शहर लौटी हैं। उन्होंने बताया कि 16 से 20 अक्टूबर तक रोम में हुए कार्यक्रम में यूथ-20 का प्रतिनिधित्व देश से तीन युवाओं ने किया। इसमें एक वह थीं। वो मनीमाजरा के मॉडर्न हाउसिंग कॉप्लेक्स में रहती हैं। परनीत ने रोम में कई पैनल चर्चाओं में हिस्सा लिया। एक पैनल चर्चा में परनीत ने अपनी पहली पहल गर्ल-अप जुबां के बारे में बताया कि यह हाशिए की महिलाओं के लिए एक मंच का कार्य करता है, जहां वो अपनी समस्याएं बताती हैं और फिर उनका समाधान खोजा जाता है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता से ही हम सस्टेनेबल फ्यूचर बना सकते हैं। परनीत ने जी-20 के यूथ-20 कार्यक्रमों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने विदेशी डेलीगेट्स के साथ ऑफिशियल कम्युनिकेशन, प्रोटोकॉल समेत व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने शुरुआती शिक्षा एक्मे पब्लिक स्कूल और भवन विद्यालय से की है। उन्होंने सेक्टर-32 के एसडी कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। वह आईएएस अफसर बनना चाहती हैं। इसके लिए तैयारी कर रही हैं और पूर्व सलाहकार विजय देव (आईएएस) से काफी प्रभावित हैं।
हाउस वाइफ पर परनीत के विचारों ने सबको किया प्रभावित
चर्चा में परनीत कौर ने कहा कि उन्हें मां से काफी प्रेरणा मिली हैं। अक्सर लोग कह देते हैं कि उनकी पत्नी या मां हाउस वाइफ है। इससे ऐसा आभास होता है कि वह कोई खास काम नहीं करती, लेकिन घर संभालना, प्रबंधन, घर से संबंधित फैसले लेना एक चुनौतीपूर्ण काम होता है। लेकिन आज तक कोई ऐसा फ्रेम वर्क नहीं बना जिससे उस स्किल को यह जानने के लिए ट्रांसलेट किया जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं में काफी पोटेंशियल स्किल होता है, लेकिन उन्हें ज्यादा रिकॉग्नाइज नहीं किया जाता, न ही उसके बारे में ज्यादा बातचीत होती है। बता दें कि परनीत कई अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। यूनाइटेड नेशन की चंडीगढ़ एसोसिएशन की पदाधिकारी हैं। साथ ही यूनाइटेड नेशन के क्लाइमेट चेंज वर्किंग ग्रुप का भी हिस्सा रहीं हैं और कई स्तर पर कार्यक्रम किए हैं। इसमें उन्होंने जनजातीय समुदायों को जागरूक करने का काम किया है।