चंडीगढ़। शहर में पिछले छह दिनों से एक भी पेट्रोल बाइक नहीं बिकी है। दोपहिया शोरूम के मालिकों के साथ लोग भी परेशान हो रहे हैं। उधर, पेट्रोल-डीजल कारों का पंजीकरण भी दिसंबर माह में बंद हो जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत पेट्रोल-डीजल कारों का कोटा सिर्फ 2380 रह गया है, जबकि हर महीने औसतन 1800 से 1900 कारें पंजीकृत होती हैं।वाहनों का पंजीकरण बंद होने से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हैं। त्योहारी सीजन चल रहा है। आमतौर पर इस समय बाइक-एक्टिवा के शोरूम में भीड़ लगी होती है लेकिन पंजीकरण बंद होने की वजह से शोरूम खाली पड़े हैं। काउंटर बंद हैं। जो एडवांस बुकिंग हुई थी, वह अब रद्द हो रही हैं। लोग शोरूम में फोन कर पूछ रहे हैं लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं है। कारों के शोरूम मालिक भी अब चिंतित हैं। 2380 पेट्रोल-डीजल कारों के बिकने के बाद उनका भी पंजीकरण बंद हो जाएगा।
माना जा रहा है कि दिसंबर के मध्य में कोटा खत्म हो जाएगा। अब ईवी नीति में तीसरी बार संशोधन करने की मांग तेज हो गई है। अगर प्रशासन ने फिर राहत नहीं दी तो अगले साल एक अप्रैल से ही बाइकों का पंजीकरण शुरू हो पाएगा। करीब पांच महीने तक गाड़ियों की बिक्री बंद हो सकती है। पंजीकरण नहीं होगा को शोरूम भी बंद रहेंगे। हजारों लोगों की रोजी-रोटी भी खतरे में हैं।
जनता को न करें परेशान, तुरंत खोली जाए बाइकों की रजिस्ट्रेशन: आहलूवालिया
आम आदमी पार्टी (चंडीगढ़) के सह-प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने प्रशासक के कार्यकारी सलाहकार व गृह सचिव नितिन कुमार यादव को ईमेल करके मांग की है कि पेट्रोल दोपहिया वाहनों का पंजीकरण शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि बाइकों का पंजीकरण बंद होने की वजह से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। लोग पूरे साल दिवाली और धनतेरस का इंतजार करते हैं ताकि वह अपने घर पर अपनी पसंद की कोई खास चीज लेकर आएं। ऐसे में प्रशासन को उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि कम से कम त्योहारी सीजन में पेट्रोल बाइकों के पंजीकरण को शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर लगने के बाद ही गाड़ियों की कैपिंग को लेकर कोई फैसला लिया जाए।