वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन (वीडियो ग्रैब)
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जलवायु परिवर्तन लगाचार चिंता का सबब बना हुआ है। ताजा घटनाक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि खाने-पीने की ऐसी चीजों से दूर रहने की जरूरत है जो जलवायु परिवर्तन की समस्या को बढ़ाते हैं। उन्होंने यह टिप्पणी वर्ल्ड फूड इंडिया के तीन दिवसीय आयोजन में की।
राष्ट्रपति वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम में
स्वस्थ खाद्य पदार्थों को अपनाने की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि खाने-पीने की ऐसी चीजों को अपनाने की जरूरत है जिनसे प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिवसीय वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम (3-5 नवंबर) के समापन सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “हम जो खाते हैं उसकी पर्यावरणीय लागत पर हमें विचार करना चाहिए। पिछली पीढ़ियों को इस संबंध में चिंता करने की ज़रूरत नहीं थी।”
खाने का मेन्यू पर्यावरण-अनुकूल बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा, समय आ गया है जब हमें अपने खान-पान का मेनू इस तरह चुनना होगा कि प्रकृति को किसी भी तरह का नुकसान न हो।” राष्ट्रपति ने उन खाद्य पदार्थों से दूर रहने और पर्यावरण-अनुकूल मेनू की ओर बढ़ने का आह्वान किया जो जलवायु को प्रभावित नहीं करते हैं। मुर्मू ने कहा, “हमें उन खाद्य पदार्थों की ओर जाने की जरूरत है जो न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बल्कि ग्रह के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं।”