Crew Review: चोरी-डकैती-मस्ती से भरी है ‘क्रू’, करीना संग तब्बू और कृति ने लगाया कॉमेडी का तड़का


बॉलीवुड में हम सभी ने कई अलग-अलग फिल्में देखी हैं. लेकिन आखिरी बार आपने एक ऑल फीमेल लीड वाली फिल्म कब देखी थी? ऐसी फिल्म जिसमें तीन फीमेल एक्टर्स मिलकर डकैती करने जा रही हो? हॉलीवुड में ऐसी फिल्में आपने जरूर देखी होंगी… अब हिंदी सिनेमा में भी अपनी हाइस्ट मूवी लेकर करीना कपूर, तब्बू और कृति सेनन आ गई हैं. इस फिल्म का नाम है ‘क्रू’ और इसे देखने के लिए आपको अपनी कुर्सी की पेटी बांधनी पड़ेगी.

क्या है फिल्म की कहानी?

फिल्म क्रू में तीन औरतों – गीता सेठी (तब्बू), दिव्या राणा (कृति सेनन) और जैस्मिन कोहली (करीना कपूर खान) की कहानी दिखाई गई है. तीनों के सपने बड़े हैं, लेकिन जेब खाली है. दिव्या, गीता और जैस्मिन, कोहिनूर नाम की एयरलाइन्स में काम करती हैं. कोहिनूर एयरलाइन्स के मालिक हैं विजय वालिया जो एक फ्रॉड हैं. उनकी एयरलाइन्स भी कंगाल हो चुकी है. लेकिन वो इस बात को छुपा रहे हैं. वहीं हमारी तीनों हीरोइनें अपने क्रू के साथ मिलकर लाइफ में तगड़ा स्ट्रगल कर रही हैं. 

दिव्या, अपने स्कूल की टॉपर थी. पायलट बनने का सपना देखती थी. लेकिन उसकी फूटी किस्मत ने उसे एयरहोस्टेस बनाकर छोड़ दिया. गीता अपने जमाने में मिस करनाल थी, लेकिन आज वो एयरलाइन्स में फंसे अपने पीएफ की चिंता में है. वो अपने पति (कपिल शर्मा) के साथ गोवा में रेस्टोरेंट खोलना चाहती है. और फिर आती है जैस्मिन. जैस्मिन बचपन से ही अमीर बनने के सपने देखती है. वो अपना ब्यूटी ब्रांड खोलना चाहती है. जिंदगी में ढेरों मुश्किलों को देख चुकी जैस्मिन ने सीखा है कि लाइफ में हमेशा प्लान बी होना जरूरी है. इसलिए वो एयरहोस्टेस भी है.

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तीनों मिलकर एयरलाइन्स में फंसी अपनी सैलरी के सपने देख रही हैं. कोहिनूर एयरलाइन्स के हाल इतने खराब हैं कि वो अपने एम्प्लोयी को पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं दे पा रहे हैं. प्लेन में काम करने पर होने वाली एक्स्ट्रा कमाई में भी कटौती होने लगी है. ऐसे में एक फ्लाइट के दौरान तीनों के साथ प्लेन में ऐसा हादसा होता है, जिससे उन्हें अपनी किस्मत के बंद दरवाजों को खोलने का मौका मिलता है. जैस्मिन लपक कर इस मौके को पकड़ लेना चाहती है, लेकिन गीता और दिव्या इसे लेकर डाउट में हैं. लेकिन जब लक्ष्मी घर के दरवाजे पर खड़ी हो तो दरवाजा बंद नहीं करते, उसे अंदर आने को कहते हैं. यही हमारी तीनों हसीनाओं ने भी किया. पर जब घी निकालने के लिए उंगली टेढ़ी की है तो क्रैम्प तो आएगा ही. ऐसा ही कुछ दिव्या, गीता और जैस्मिन के साथ भी होता है, जब उनके ‘कारनामों’ की वजह से वो तीनों कस्टम्स में फंसती हैं, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है दोस्त…

परफॉरमेंस

डायरेक्टर राजेश कृष्णन ने अपनी फिल्म ‘क्रू’ के लिए कास्टिंग काफी जोरदार की है. ये बात तो माननी पड़ेगी. परफॉरमेंस की बात करें तो करीना कपूर पूरी मूवी में शाइन करती हैं. उसका किरदार जैस्मिन काफी चुलबुला और जुगाड़ू है, जो हर मुश्किल में कोई या कोई रास्ता ढूंढ निकालती है. जैस्मिन आंखों-आंखों में ही बता देती हैं कि वो शैतानी करने में सबसे आगे हैं. पूरी फिल्म में एक भी पल ऐसा नहीं आता जब करीना कपूर खान आपको निराश करें. कृति सेनन का किरदार दिव्या राणा इमोशनल है. दिव्या अपनी जिंदगी में कई झूठ बोल चुकी है, लेकिन उसे लेकर परेशान भी रहती है. साथ ही दूसरों की परेशानी देखकर रोती भी है. मगर दिव्या इमोशनल होने के साथ-साथ स्ट्रॉन्ग भी है. अगर उससे पंगा लिया तो आपको पटखनी देने में पीछे नहीं रहेगी. इस मजेदार किरदार को कृति सेनन ने काफी अच्छे से निभाया है. उनका अंदाज ही एकदम अलग है.

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तब्बू… तब्बू के क्या कहने. ऐसा शायद ही कोई रोल होगा जिसे तब्बू अच्छे से न निभा सकें. गीता सेठी के किरदार के साथ भी तब्बू ने न्याय किया है. वो फन हैं, सीरियस हैं और काफी रिलेटेबल भी हैं. फिल्म का एक सीन है जब गीता, दिव्या और जैस्मिन के साथ बेहद महंगे होटल में बैठी है. वो कॉफी पी रही है. तीनों के जाने का वक्त होता है तो, जैस्मिन और दिव्या गीता को कहती हैं, ‘चलो जल्दी.’ इसपर गीता जवाब देती है – ‘नहीं, तुम जाओ. ये 100 डॉलर की कॉफी ली है, झाग भी पीकर जाऊंगी.’ ये काफी फन और रिलेटेबल सीन था. तीनों हसीनाओं के अलावा कपिल शर्मा, दिलजीत दोसांझ, राजेश शर्मा, पूजा भमराह, कुलभूषण खरबंदा और शाश्वत चटर्जी का काम भी काफी बढ़िया है.

मजेदार है क्रू

क्रू काफी कॉमेडी और मस्ती से भरी लाइट हार्टेड फिल्म है, जिसे देखने में आपको मजा आता है. इसकी एडिटिंग काफी क्रिस्प है. आप आराम से दो घंटे की ये फिल्म देख लेते हैं और एकदम बोर नहीं होते. ये फिल्म आपको जॉय राइड पर लेकर जाती है, जिसमें इमोशन्स हैं, सस्पेंस है, जिंदगी की मुश्किलें हैं, चोरी-डकैती है और बहुत सारी मस्ती है. डायरेक्टर राजेश कृष्णन ने फिल्म को काफी अच्छे से बनाया है. इसका स्क्रीनप्ले कहीं ढीला नहीं पड़ता. हालांकि कुछ एक चीजें हैं जो खटकती हैं. जैसे इतनी गरीबी में जीने वाले किरदार के पास मुंबई में लैविश बालकनी वाला घर है. किरदारों के पास बिल भरने के पैसे नहीं हैं, लेकिन वो स्टाइलिश और ग्लैमरस कपड़े और जूते पहनकर घूम रहे हैं. फिल्म क्रू का म्यूजिक पहले से ही हिट हो चुका है. इसके गाने काफी अच्छे हैं. मूवी विजुअली काफी अपीलिंग है, जो इसका प्लस पॉइंट है. तो देर किस बात की है वीकेंड प्लान बना लो.


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