क्रिकेट को लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में आधिकारिक रूप से सोमवार को शामिल कर लिया गया. 128 साल बाद ओलंपिक खेलों में क्रिकेट की वापसी होने जा रही है. 2028 में होने वाले लॉस एंजेलिस ओलंपिक में क्रिकेट टी20 प्रारूप में खेला जाएगा. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने अपने 141वें सत्र में जिन अन्य खेलों को शामिल किए जाने को मंजूरी दी है, उनमें स्क्वैश, बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, लैक्रोस और फ्लैग फुटबॉल शामिल हैं.
आईओसी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर कहा, ‘बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, क्रिकेट (टी-20), फ्लैग फुटबॉल, लैक्रोस (सिक्सेस) और स्क्वॉ़श लॉस एंजेलिस-2028 के खेल कार्यक्रम का हिस्सा होंगे.’
Baseball/softball, cricket (T20), flag football, lacrosse (sixes) and squash have been officially included as additional sports on the programme for the Olympic Games @LA28.
The decision has been taken by the 141st Session of the International Olympic Committee.#IOCMumbai2023… pic.twitter.com/mlaLjpgaaK
— IOC MEDIA (@iocmedia) October 16, 2023
लॉस एंजेलिस-28 आयोजन समिति द्वारा अनुशंसित 5 खेलों को शामिल करने के प्रस्ताव का आईओसी के 99 सदस्यों में से मतदान करने वाले केवल दो सदस्यों ने विरोध किया. कार्यकारी बोर्ड की सिफारिश पर हाथ उठाकर मतदान करने के लिए कहा गया. इसके बाद आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाख ने अन्य खेलों के साथ क्रिकेट को भी ओलंपिक में शामिल करने की घोषणा की. बाख ने कहा, ‘मैं आप सभी का ओलंपिक कार्यक्रम में स्वागत करता हूं.’
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कोहली की वजह से ओलंपिक में क्रिकेट शामिल
बता दें कि क्रिकेट के ओलिंपिक में शामिल को लेकर विराट कोहली को बड़ी वजह माना जा रहा है. दरअसल, क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की बातचीत और वोटिंग के दौरान कोहली का भी जिक्र हुआ. इटली के ओलंपिक चैम्पियन निशानेबाज और लॉस एंजिलिस 28 के खेल निदेशक निकोलो कैम्प्रियानी ने कोहली की लोकप्रियता का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा, ‘युवाओं के लिए खेल को प्रासंगिक बनाने के लिए डिजिटल मोर्चे पर मजबूत उपस्थिति की काफी जरूरत होती है. और क्रिकेट इसके लिए एक यूनिक प्लेटफॉर्म देता है. मेरे दोस्त विराट (कोहली) के बारे में सोचिए. उसके सोशल मीडिया पर 314 मिलियन फॉलोअर्स हैं और वह दुनिया में तीसरे सबसे ज्यादा फॉलो होने वाले खिलाड़ी हैं. यह लेब्रॉन जेम्स, टॉम ब्राडी और टाइगर वुड्स के जोड़ देने से भी ज्यादा है. यह एलए 28 के लिए बड़ी जीत है.’
पेरिस ओलंपिक में खेला गया था क्रिकेट
आपको बता दें कि क्रिकेट केवल एक बार 1900 के पेरिस ओलंपिक में शामिल हुआ था. तब ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस की टीमों ने इसमें हिस्सा लिया था. ग्रेट ब्रिटेन गोल्ड और फ्रांस सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रही था. चौंकाने वाली बात यह थी कि ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच उस ओलंपिक में क्रिकेट का सिर्फ एक मैच खेला गया था और इसी मैच को फाइनल घोषित कर दिया गया था.
आंकड़ों की दृष्टि से क्रिकेट भले ही फुटबॉल के बाद सबसे लोकप्रिय वैश्विक खेल (Global Sports) लगता हो, लेकिन सही मायने में इसका विस्तार राष्ट्रमंडल देशों तक ही हो पाया है. इसमें भी भारत क्रिकेट की धुरी रहा है. अब 2028 लॉस एंजेलिस खेलों में टी20 क्रिकेट की वापसी से खेल और व्यवसाय दोनों लिहाज से फायदा नजर आ रहा है.
ओलंपिक क्रिकेटरों को ऐसा मंच देगा जो शायद विश्व कप से भी बड़ा होगा. ओलंपिक पदक गले में पहने पोडियम पर खड़े होकर राष्ट्रगान सुनने पर जो गौरव अनुभव होता है, उससे क्रिकेट अभी तक वंचित रहे हैं. कैरेबियाई राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष कीथ जोसेफ ने कहा, ‘ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया जाना शानदार खबर है. इससे क्रिकेट की वैश्विक छवि बनेगी. टी20 युवा दर्शकों को लुभाता भी है.’
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क्या क्रिकेट दे पाएगा फुटबॉल को टक्कर?
कीथ जोसेफ ने लॉस एंजेलिस खेलों में क्रिकेट को शामिल किए जाने के आईसीसी के प्रयासों का पुरजोर समर्थन किया था. अमेरिका 2024 में टी20 विश्व कप का सह मेजबान है जो ओलंपिक से पहले खेल की लोकप्रियता बढाने में मददगार होगा. वैसे यह सोचना गलत है कि महज ओलंपिक में शामिल होने से क्रिकेट फुटबॉल की तरह लोकप्रिय हो जाएगा. आईसीसी महिला और पुरुष टी20 रैंकिंग में क्रमश: 66 और 87 देश हैं, जबकि फीफा पुरूष टीम रैंकिंग में 207 और महिला वर्ग में 186 देश हैं. वैसे टी20 प्रारूप अफ्रीका, यूरोप और लैटिन अमेरिका तक पहुंच गया है.
बीसीसीआई के एक अनुभवी प्रशासक ने कहा, ‘क्रिकेट को वैश्विक दर्शकों तक ले जाने के लिए यह पहला कदम है. अमेरिका बड़ा बाजार है और वहां उपमहाद्वीप के काफी लोग हैं. वैसे क्रिकेट को अभी लॉस एंजेलिस खेलों में ही शामिल किया गया है. उम्मीद है कि इसे ब्रिस्बेन (2032) में भी शामिल किया जाएगा क्योंकि आस्ट्रेलिया में क्रिकेट काफी लोकप्रिय है.’वैसे क्रिकेट की राह में काफी अड़चनें हैं. अधिकारी और खिलाड़ी आईओसी, आईओए और वाडा के कई प्रावधानों का पालन नहीं करना चाहते.