मईल। प्रयागराज से शुक्रवार को अपनी कार से घर आ रहे मईल थाना क्षेत्र के कपूरी गांव निवासी युवक की हत्या कर बदमाशों ने कार लूट ली। लिफ्ट लेकर बैठे अज्ञात बदमाशों ने युवक की हत्या के बाद शव को आजमगढ़ के अहिरौली थाना क्षेत्र में सड़क किनारे झाड़ी में फेंक दिया। युवक के गले व चेहरे पर कई जगह गंभीर चोट के निशान मिले हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
थाना क्षेत्र के कपूरीपार गांव निवासी दुर्गेश कुमार मिश्र (25) उर्फ शुभम पुत्र श्रीनारायण मिश्र प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते थे। साथ ही अपना खर्च वहन करने के लिए पार्ट टाइम जॉब के रूप में नेटवर्किंग का भी काम करते थे। शुक्रवार की शाम शुभम अपनी निजी कार से कपूरीपार गांव के लिए चले। रास्ते में कुछ अज्ञात लोगों ने लिफ्ट मांगकर जौनपुर जाने की बात कही। इस पर दुर्गेश ने उन्हें बैठा लिया। यह बात उन्होंने अपने परिजनों को बताई थी।
देर रात तक वह घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता होने लगी। इसके बाद उनका फोन भी बंद हो गया। रविवार को एक दोस्त ने फोन कर शुभम के घर पहुंचने की जानकारी उनके पिता से ली। उन्होंने बताया कि वह घर नहीं आया है। इसी बीच आजमगढ़ के अहिरौली थाना क्षेत्र के एक सुनसान रास्ते में युवक की हत्या कर फेंका गया शव बरामद हुआ। पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवक की पहचान दुर्गेश के रूप में की। दुर्गेश के गले, चेहरे व शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश कार लेकर फरार हो गए। मौके पर पहुंची आजमगढ़ पुलिस घटना की छानबीन में जुट गई। वहीं घटना की सूचना परिजनों को फोन कर दी।
हत्या की खबर मिलते ही परिजन आजमगढ़ के लिए रवाना हो गए। पिता श्रीनारायण मिश्रा की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर घटना की छानबीन में जुटी हुई है। पोस्टमार्टम के बाद सोमवार को शव कपूरीपार गांव पहुंचा तो परिजनों के करुण क्रंदन से गांव का माहौल गमगीन हो गया। वह भाई अभिजीत, बहन सुधा से बड़ा था। मां गीता देवी, पिता श्रीनारायण मिश्र बेटे की हत्या से गमगीन हैं। सभी ने जल्द घटना के खुलासे की मांग की है।
दुर्गेश के पिता की तहरीर के आधार पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या व लूट का केस दर्ज किया गया है। घटना की छानबीन की जा रही है। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।
– मंजय सिंह, सीओ, आजमगढ़
परिवार का इकलौता कमाऊ व्यक्ति था दुर्गेश
दुर्गेश के पिता श्रीनारायण मिश्रा घर पर ही रहते हैं। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी। इसी के चलते दुर्गेश सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए प्रयागराज में एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करने लगा। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता था। जब से उसने मार्केटिंग का कार्य शुरू किया तब से परिवार की हालत में सुधार होने लगा। वह परिवार का इकलौता कमाऊ व्यक्ति था। उसके कंधे पर भाई, बहन को पढ़ाने की जिम्मेदारी थी। उसकी हत्या के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब कैसे परिवार का भरण पोषण होगा इसकी चिंता सताने लगी है।
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दुर्गेश का पसंदीदा खाना बनाकर इंतजार करती रही मां
दुर्गेश अपनी मां-बाप का सबसे बड़ा बेटा था। सभी उससे प्यार करते थे। अक्सर घर आने के पहले वह मां को फोन कर अपना पसंदीदा भोजन बनाने को कहता था। शुक्रवार को भी शाम को प्रयागराज से चलने से पहले मां को फोन कर रात तक घर पहुंचे और अपना पसंदीदा भोजन बनाने को कहा। मां गीता देवी बेटे के घर आने की खुशी में भोजन तैयार कर इंतजार कर रही थीं। देर रात तक घर के चौखट पर बैठी रहीं, लेकिन दुर्गेश नहीं पहुंचा। कुछ देर बाद उसका फोन स्विच ऑफ बताने लगा। इस पर परिजन अनहोनी की आशंका जताने लगे। शनिवार को भी उसका पता नहीं लगा। रविवार की शाम को उसकी हत्या कर फेंके गए शव मिलने की सूचना मिली। इसके बाद मां गीता देवी बदहवास हो कर गिर पड़ीं। मौजूद महिलाओं ने उन्हें संभाला।