Dhruv Jurel-Sarfaraz Khan, India today Conclave 2024: भारत ने इंग्लैंड को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से पटखनी दी थी. इस सीरीज में इंग्लैंड की बैजबॉल (तेजी से रन बनाना) रणनीति फ्लॉप रही थी. इंग्लैंड के इस बल्लेबाजी स्टाइल की ध्रुव जुरेल और सरफराज खान ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जमकर आलोचना की. ध्रुव ने साफ किया जब टेस्ट मैच 5 दिन का होता है तो फिर बैजबॉल स्टाइल में क्यों खेलना. वहीं, सरफराज खान ने टेस्ट मैच में लंबी रेस का घोड़ा बनना पड़ता है.
ध्रुव जुरेल ने कहा कि मैं हमेशा से ही टेस्ट मैच खेलना चाहता था. टेस्ट क्रिकेट ही ‘प्योरेस्ट फॉर्म ऑफ क्रिकेट’ है. मैंने सपना देखा था कि मैं एक दिन टेस्ट क्रिकेट खेलूंगा. मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मैंने टीम की जीत में अहम जिम्मेदारी निभा पाया. वहीं, सरफराज ने कहा, ‘मैं तो बचपन से ही सुनता आया था, टेस्ट क्रिकेट को ही असली क्रिकेट माना जाता है. अब्बू (नौशाद खान) भी यही कहते थे कि टेस्ट मैच खेलना है. जब हाल में मैं खेला तो समझ आया कि असली क्रिकेट टेस्ट मैच ही है.’
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बैजबॉल स्टाइल की जुरेल ने उड़ाईं धज्जियां
इस दौरान ध्रुव जुरेल ने इंग्लैंड के बैजबॉल स्टाइल बल्लेबाजी की जमकर आलोचना की. जुरेल ने कहा जब टेस्ट मैच 5 दिन का है तो, उन दिनों का यूटिलाइज करना चाहिए, फिर बैजबॉल क्यों खेलना. जुरेल ने कहा कि बैजबॉल स्टाइल उनका खेलने का तरीका है. जुरेल ने कहा टी20 और वनडे क्रिकेट में एक दिन में नतीजा आ जाता है लेकिन टेस्ट मैच में सेशन जीतने होते हैं.
आईपीएल vs टेस्ट क्रिकेट पर क्या बोले जुरेल
ध्रुव जुरेल और सरफराज खान से जब आईपीएल टी20 और टेस्ट क्रिकेट की तुलना पर सवाल पूछा गया. इस ध्रुव जुरेल ने कहा मैं हमेशा से ही टेस्ट मैच खेलना चाहता था. अंडर 19 के दिनों में मुझसे मेरा टारगेट पूछा गया तो मैंने कहा था कि मैं 200 टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं, लेकिन अब लगता है कि इतने टेस्ट मैच बहुत ज्यादा हैं.
आईपीएल के ग्लैमर के बीच टेस्ट मैच के बारे में जुरेल ने कहा, ‘जब वो टेस्ट मैच की कैप मिलती है तो उसकी फीलिंग अलग ही होती है. टेस्ट मैच की बैगी कैपी पर आपका नंबर लिखा होता है. जो आपका सीनियर खिलाड़ी आपको पहनाता है, तो उसकी फीलिंग ही होती है. ध्रुव ने कहा कि दोनों ही तरह के क्रिकेट (व्हाइट बॉल क्रिकेट और रेड बॉल क्रिकेट) में कोई प्रतियोगिता नहीं है.
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धोनी से तुलना पर क्या बोले जुरेल
जुरेल के इस प्रदर्शन को देखकर महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने उनकी तुलना धोनी से कर दी, लेकिन 23 साल के इस खिलाड़ी को ऐसा नहीं लगता. उन्होंने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा, ‘मेरी तुलना धोनी सर से करने के लिए शुक्रिया गावस्कर सर. लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से कहना चाहूंगा कि धोनी सर ने जो किया है, वैसा कोई भी नहीं कर सकता.’
इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘धोनी सिर्फ एक ही है. हमेशा थे और हमेशा रहेंगे. मैं सिर्फ ध्रुव जुरेल ही रहना चाहता हूं. जो भी मैं करूं, मैं सिर्फ ध्रुव ही रहना चाहता हूं. लेकिन धोनी सर एक महान क्रिकेटर हैं और वह हमेशा ही महान क्रिकेटर रहेंगे.’ यह उदीयमान क्रिकेटर एमएस धोनी को अपना आदर्श मानता है. आज भी जुरेल के वॉट्सऐप डिस्पले पिक्चर पर एमएस धोनी की तस्वीर है.
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भारत की टेस्ट कैप मिलने से जुरेल का सपना साकार हुआ, उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि मुझे टेस्ट कैप मिली और फिर मैं मैन ऑफ द मैच रहा. टेस्ट खेलना सुखद रहा जो क्रिकेट का सबसे शुद्ध प्रारूप है. इतना पता था कि किसी दिन टेस्ट क्रिकेट खेलूंगा. इसलिए यह मेरे सपने के साकार होने वाला पल था.’
टेस्ट मैच में 5 दिन का घोड़ा बनना पड़ता है
हालांकि सरफराज खान ने कहा दोनों ही क्रिकेट में अलग तरह की मेहनत करनी चाहती हैं. जब व्हाइट बॉल क्रिकेट (टी20 और वनडे ) क्रिकेट आ रहा है तो उसके लिए अलग मेहनत लगती है. वहीं टेस्ट मैच में अलग तरह की मेहनत करनी होती है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी प्रैक्टिस पर निर्भर होता है.
ऐसा रहा था सरफराज खान का टेस्ट डेब्यू
सरफराज खान ने राजकोट के मैदान पर अपने टेस्ट डेब्यू पर शानदार प्रदर्शन किया. सरफराज खान ने पहली पारी में शानदार 62 रन बनाए, पर वह बदकिस्मती से रनआउट हो गए. फिर दूसरी पारी में भी सरफराज खान ने यादगार प्रदर्शन करते हुए नाबाद 68 रनों की पारी खेली. सरफराज ऐसे चौथे भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्हें डेब्यू टेस्ट मैच के दौरान दोनों ही पारियों में 50+ स्कोर किए. सरफराज से पहले दिलावर हुसैन, सुनील गावस्कर और श्रेयस अय्यर ही ऐसा कर पाए थे. फिर सरफराज ने रांची टेस्ट मैच में 56 रनों की पारी खेली थी. सरफाज ने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू टेस्ट सीरीज में 200 रन बनाए थे. इस दौरान उनका औसत 50 का रहा.
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जुरेल ने भी दिखाया डेब्यू सीरीज में दम
ध्रुव जुरेल ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट के जरिए अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. जुरेल ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 टेस्ट मैचों में 63.33 की औसत से 190 रन बनाए थे. इस दौरान जुरेल ने रांची टेस्ट मैच में 90 और नाबाद 39 रनों की पारियां खेलकर भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. वहीं इन तीन मैचों में उन्होंने 7 शिकार (2 स्टम्प और 5 कैच) किए.