– ठग ने झारखंड सरकार के कल्याण विभाग की योजना बताकर ठगा
अमर उजाला ब्यूरो
फरीदाबाद। झारखंड सरकार के कल्याण विभाग से 50 फीसदी सब्सिडी पर कार दिलाने का झांसा देकर पांच से अधिक लोगों से 87.50 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित की शिकायत पर एसजीएम नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
पीड़ित अश्विनी भारद्वाज ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह एक निजी कंपनी में प्रबंधक है। दो वर्ष पहले एक जानकार के माध्यम से उसकी मुलाकात झारखंड के रांची निवासी संजय कुमार रवि से हुई थी। आरोप है कि मुलाकात के दौरान संजय कुमार ने अपने आपको झारखंड सरकार के कल्याण विभाग का क्लर्क बताया। ठग ने बताया कि वह रांची में तैनात है। उसकी पत्नी प्रतिमा देवी और भाई विजय राम भी उसी विभाग में अधिकारी हैं। वह एससी-एसटी और ओबीसी कोटा के तहत लोगों को सृजन होम लोन, दो पहिया, चार पहिया गाड़ी, मुर्गी पालन आदि के लिए कल्याण विभाग से 50 प्रतिशत सब्सिडी पर लोन दिलवाता है।
कल्याण विभाग से 50 प्रतिशत सब्सिडी की बात जानकर वह अश्विनी कुमार के झांसे में आ गए। उसने इसकी जानकारी अपने रिश्तेदारों को दी। रिश्तेदार भी कार खरीदने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद उन्होंने फिर संजय से बात की। संजय कुमार ने उनसे 50 प्रतिशत सब्सिडी काटकर कार का आधा भुगतान करने की बात कही। पैसे एक बैंक खाते में जमा करने के लिए कहा। उन्होंने कई बार में आरोपी के खाते में पैसे डाल दिए। करीब 87.50 लाख रुपये देने के बाद उसने आरोपी से कार दिलाने की मांग की। इसके बाद उन्होंने कई बार उससे संपर्क किया लेकिन वह बार-बार टालता रहा। अंत में आरोपी ने फोन बंद कर दिया। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने इसकी शिकायत एसजीएम नगर थाने में दी है।
आरोपियों ने झारखंड में भी बिछाया ठगी का जाल
पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पैसे देने के बाद जब आरोपी ने न कार दी और न पैसे दिए। तब उसने अपने स्तर से जांच शुरू की। जिसमें पता चला की आरोपी संजय कुमार रवि ने झारखंड में भी कईयों को ठगी के जाल में फंसाया है। उसने लोन या अन्य मदों में झांसा देकर लोगों से पैसे ठगे हैं। उसके खिलाफ रामगढ़ के मांडु थाना में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।
सात माह से जेल में बंद
आरोपी को धोखाधड़ी व अन्य मामले में झारखंड पुलिस ने सात माह पहले मार्च में गिरफ्तार किया। तब से वह जेल में बंद है। पीड़ित ने बताया कि जेल जाने से दो-तीन दिन पहले जब उससे बात हुई तो उसने और पैसों की मांग की थी।