– फूड स्टॉलों को फाइबर मैटेरियल से दिया जा रहा खूबसूरत लुक
– नए सिरे से खूबसूरत लुक देने की तैयारी चल रही जोरों पर
वीना शर्मा
फरीदाबाद। फरवरी में शुरू होने वाले 37वें हस्तशिल्प मेले की तैयारियों जोरों पर चल रही हैं। मेला परिसर में विभिन्न देशों की कला संस्कृति, परंपराओं और स्वाद का जश्न मनाने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। इस बार मेले में लगने वाले फूड स्टॉल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहने वाले हैं। इसके लिए पर्यटक विभाग की ओर से फूड स्टॉल को खूबसूरत लुक देने तैयारी की जा रही है। फूड स्टॉल के डिजाइन भी अलग-अलग बनाए जा रहे हैं।
3 फरवरी से 19 फरवरी तक चलने वाले सूरजकुंड की तैयारियां जोरों पर हैं। मेले में हर बार की भांति इस बार अलग थीम पर मेले को सजाने की तैयारी की जा रही है। मेले को आकर्षक बनाने के लिए छोटी-बड़ी चौपाल के साथ-साथ लगने वाली सभी स्टॉल्स का मरम्मत कार्य जोरों पर किया जा रहा है। मेले में हर वर्ष देश-विदेश के हस्तशिल्प कलाकारों के लिए 1100 स्टॉल लगाए जाते हैं। 45 फूड स्टॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं।
नए सिरे से बनाए जा रहे फूड स्टॉल
इस बार इन फूड स्टॉल को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। पुराने स्टॉल्स के स्थान पर दूसरे स्थान पर नए सिरे से फूड स्टॉल निर्मित किए जा रहे है। इन स्टॉल्स पर पर्यटकों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था किए जाने के साथ-साथ इन्हें खूबसूरत डिजाइन भी रीक्रिएट किया जा रहा हैं। फाइबर वर्क कर इन्हें खूबसूरत लुक देने का प्रयास किया जा रहा है। पिछली बार की भांति इस बार कुकिंग एरिया को अलग बनाया जा रहा है। कुकिंग एरिया में फॉयर सेफ्टी के भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इन स्टॉल पर पर्यटक खाने के साथ-साथ लोग संगीत का आनंद भी ले सकेेंगे।
म्यूजिकल नाइट के लिए अलग मंच किए जा रहे तैयार
17 दिनों तक चलने वाले हस्तशिल्प मेले में देश के विभिन्न राज्यों से हस्तशिल्प कलाकार पहुंचते हैं। मेला प्रबंधन अधिकारियों के मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मेले को खास बनाने की तैयारी है। इस बार म्यूजिकल नाइट के लिए अलग से मंच बनाए जा रहे हैं। इसके साथ चौपाल क्षेत्र को विस्तृत किया गया है। यह एक साथ दो सो से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। मेला अधिकारियों का कहना है कि इस बार मेले में पहुंचने वाले दर्शकों को पार्किंग से लेकर मेला परिसर के अंदर तक सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेगी।
वाटर प्रूफ बनाए जा रहीं झोपड़ियां
मेला परिसर में हस्तशिल्प कलाकारों के लिए बनाए जाने वाले झोपड़ियों (हट्स) को भी वाटर प्रूफ बनाया जा रहा है। फरवरी में बारिश होने के हस्तशिल्प कलाकारों को खासा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। बारिश की स्थिति में उनकी कलाकृतियों के भीगने के कारण खराब होने का डर बना रहता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस बार इन हट्स को वाटर प्रूफ बनाने की पहल की गई है।
हर बार की भांति इस बार भी बेहतरीन लुक देने का प्रयास
हस्तशिल्प मेले को हर बार बेहतरीन करने का प्रयास लगातार रहता है जोकि इस बार भी किया जा रहा है। कमियों के साथ-साथ कुछ नया लुक देने के लिए फूड स्टॉल को नए सिरे से अन्य स्थान पर बनाए जाने के साथ-साथ खूबसूरत डिजाइन किए जा रहे हैं। जोकि लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इसके अलावा झोपड़ियों को भी वाटर प्रूफ बनाया जा रहा है।
– हरबिंदर यादव, नोडल अधिकारी, हरियाणा पर्यटन निगम