नई दिल्ली, लाइफ स्टाइल डेस्क। किडनी हमारे शरीर का बहुत ही जरूरी हिस्सा होता है। हमारे शरीर के वेस्ट प्रोडक्ट को किडनी छानकर बाहर करता है, लेकिन अगर हमारी किडनी में कोई बीमारी हो जाए या यह ठीक से काम करना बंद कर दे, तो सारा वेस्ट हमारे शरीर में इकट्ठा होने लगता है। इसलिए किडनी का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
आप क्या खाते हैं इसका सीधा असर आपकी किडनी पर पड़ता है। इसलिए अपनी डाइट में बहुत सोच-समझ कर फूड आइटम्स को शामिल करना चाहिए। किडनी की बिगड़ती सेहत को सुधारने के लिए रीनल डाइट अपनाया जाता है। इसमें उन फूड आइटम्स को शामिल किया जाता है, जिनमें सोडियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम की मात्रा कम होती है। आइए जानते हैं किन फूड आइटम्स को रीनल डाइट में शामिल किया जा सकता है।
फिश
साल्मन, कॉड, टूना जैसी फैटी फिश में प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इनमें सोडियम की मात्रा कम होती है इसलिए ये ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। हाई ब्लड प्रेशर से किडनी की समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए फैटी फिश खाने से किडनी से जुड़ी परेशानियां कम हो सकती हैं।
बेरी
बेरी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही इसमें फॉस्फोरस, पोटेशियम और सोडियम की मात्रा कम होती है। इस वजह से यह किडनी के लिए फायदेमंद होता है। इसके साथ ही इनमें एंथोसाइनिन भी पाया जाता है, जो कई बीमारियों से बचने में हमारी मदद करता है।
यह भी पढे़ें: इन टेस्ट्स के जरिए 30 की उम्र में ही पता कर सकते हैं अपनी किडनी का हाल
अंडे का सफेद भाग
पूरे अंडे से ज्यादा सिर्फ उसका सफेद भाग, जिसे एग व्हाइट भी कहते हैं, अधिक फायदेमंद होता है। इसमें ऐसा प्रोटीन पाया जाता है, जो किडनी के लिए फायदेमंद होता है। अंडे की जर्दी (Egg Yolk) में फॉस्फोरस पाया जाता है, जो किडनी के लिए नुकसानदेह होता है।
ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल में विटामिन-ई पाया जाता है और फॉस्फोरस बिल्कुल नहीं होता, जो इसे रीनल डाइट का एक बेहतरीन हिस्सा बनाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भी पाए जाते हैं। इसलिए भी यह किडनी के लिए फायदेमंद होता है।
लाल शिमला मिर्च
इनमें मिनरल और एंटी-ऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें फॉस्फोरस, पोटेशियम और सोडियम की मात्रा भी कम होती है।
यह भी पढे़ें: सेंधा या साधारण नमक, जानें कौन-सा है आपकी सेहत के लिए फायदेमंद
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik