Food grade polythene भाटापारा-खाद्य एवं पेय पदार्थ की पैकिंग, अब फूड ग्रेड पॉलिथीन में ही की जा सकेगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के आदेश के बाद, जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि संस्थानें इस अनिवार्यता का पालन कर रहीं हैं या नहीं ?
सितंबर 2021 में लागू सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद कुछ नए संशोधन हुए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वह संशोधन है, जिसमें खाद्य एवं पेय पदार्थ की पैकिंग के लिए फूड ग्रेड पॉलिथीन बैग को अनिवार्य माना गया है। पर्यावरणीय नुकसान और खाद्य एवं पेय पदार्थ की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर की जानकारियां प्रकाश में आने के बाद इसे सख्ती के साथ लागू करने और जांच के आदेश खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं।
Food grade polythene क्या है फूड ग्रेड पॉलिथीन
सौ फ़ीसदी पर्यावरणीय अनुकूल होता है फूड ग्रेड पॉलिथीन। यह इसलिए क्योंकि निर्माण में किसी भी प्रकार का रसायन प्रयोग में नहीं लाया जाता। यही वजह है कि अपघटन की प्रक्रिया इसमें आसानी से होती है। रिसाव प्रतिरोधी यह फूड ग्रेड पॉलिथीन बैग गर्म, ठंडा और तरल सामग्री के भंडारण और विक्रय के लिए उच्च गुणवत्ता के सभी मानक को पूरा करता है। आसान सील के लिए पॉली बैग सीलर्स या धागे बांधने की सुविधा इस बैग में मिलती है। याने इसमें हैंडल नहीं होते।
Food grade polythene इसलिए नया नियम
सामान्य तौर पर उपयोग में लाए जा रहे पॉलिथीन बैग पॉलिप्रोपलाईन से बनाए जाते हैं, जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मदद से बनता है। रसायन हैं यह दोनों सामग्री, इसलिए अपघटन नहीं किए जा सकते। उपयोग के बाद नष्टीकरण के सही प्रबंधन के नहीं होने से यह पर्यावरण को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद सामान्य की जगह फूड ग्रेड पॉलिथीन बैग की अनिवार्यता लागू की गई है।
Food grade polythene इस दर पर
सामान्य प्लास्टिक के बैग की तुलना में फूड ग्रेड पॉलिथीन बैग की कीमत कुछ ज्यादा है। अनिवार्यता के बाद संस्थानों तक इस फूड बैग की पहुंच 140 से 170 रुपए किलो की दर पर हो रही है। माॅल, मार्ट और सुपरमार्केट इस समय, इस बैग के बड़े उपभोक्ता हैं जबकि परंपरागत बाजार इसकी खरीदी को लेकर थोड़ा अनिच्छुक दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन को सघन जांच के दौरान, इसे भी नजर में रखने के आदेश जारी हुए है।
जागरुकता अभियान
फूड ग्रेड पॉलिथीन के उपयोग के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिलों में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अपने जिले में जागरूकता अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया जा रहा है।
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– उमेश वर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर