फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट-2006
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फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट-2006 यानि एफएसएसए में बड़ा संशोधन हुआ है। एक्ट की तीन धाराओं को संशोधित करते हुए कारोबारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। दो धाराओं में संशोधन करते हुए कैद की सजा को समाप्त कर दिया है। जबकि जुर्माना बढ़ाया गया है। जबकि एक धारा में कैद की सजा को आधा किया गया है। इस संशोधन के बाद एक्ट की तीन धाराएं काफी हद तक लचीली बनाई गई हैं।
हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह अधिसूचना कब से लागू होगी। एफएसएसए 2006 की धारा 59 (1) के तहत असुरक्षित खाने की बिक्री करने और आरोप सिद्ध होने पर छह महीने कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान था। अब इसमें संशोधन करते हुए तीन माह कैद और तीन लाख रुपये तक जुर्माना कर दिया है।
धारा 61 के तहत गलत जानकारी देने पर और आरोप सिद्ध होने पर तीन माह की कैद और दो लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान था। अब इसमें संशोधन करते हुए कैद का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। जबकि जुर्माना बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दिया गया है। धारा 63 के तहत बिना फूड लाइसेंस कारोबार करने पर छह माह कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान था। इसमें संशोधन करते हुए अब जुर्माना बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक किया गया है।
बता दें कि खाद्य सुरक्षा विभाग समय-समय पर मिलावट व अन्य चीजों की आशंका पर दुकानाें समेत अन्य जगहों से जांच के लिए सैंपल भरते हैं। ताकि बाजार में उपभोक्ताओं को गुणवता आधारित खाद्य सामग्री मिले। सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा जाता है। लैब रिपोर्ट में मानकों के अनुरूप सैंपल न होने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल पर लाई जाती है। यह कार्रवाई एफएसएसए 2006 के प्रावधानों के अनुसार होती है, लेकिन अब तीन धाराओं में बड़ा संशोधन किया गया है।
एफएसएसए-2006 की तीन धाराओं में संशोधन की अधिसूचना के बारे में पता चला है। हालांकि संशोधित धाराएं कब से लागू होंगी, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। – एलडी ठाकुर, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मंडी।