मसूरी के मसौता गांव में घटना स्थल पर मौजूद पुलिस बल। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
गाजियाबाद/मसूरी। मोबाइल लूट के मामले में रविवार दोपहर करीब तीन बजे दबिश देने के लिए आई नोएडा के सेक्टर-63 की स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) टीम पर गांव के लोगों ने हमला बोल दिया। खेत से गन्ने तोड़कर पुलिसवालों को बुरी तरह से पीटा गया। इसमें दरोगा राहुल और हेड कांस्टेबल वरुण घायल हो गए। हमलावरों ने वरुण से पिस्टल भी छीन ली। जिस क्रेटा गाड़ी में पुलिस टीम आई थी, उसमें भी तोड़फोड़ की।
पुलिस टीम का कहना है कि उनकी गाड़ी के सामने एक कार आ गई थी। उसे हटाने के लिए कहने पर उसमें सवार चार युवकों ने हमला किया। उनके शोर मचाने पर और लोग भी आ गए। उनका साथ देते हुए उन्होंने भी पीटा। डीसीपी ग्रामीण विवेक यादव ने बताया कि जांच में पता चला कि गांव के ही रहने वाले मूले चौहान, विशाल, अंकित, अभिषेक और रिंकू ने 40-50 ग्रामीणों के साथ मिलकर हमला किया है।
अंकित व अभिषेक पूर्व प्रधान सतीश के बेटे हैं। आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित करके दबिश दी जा रही है। दरोगा राहुल ने मसूरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में ले लिया है। अन्य तीन नामजद आरोपी घर पर नहीं मिले हैं। उनके आसपास के लोग भी घर पर ताला लगाकर चले गए हैं। हमले के बाद गाजियाबाद और नोएडा पुलिस भी गांव में पहुंच गई थी। हमलावर एक कार और एक ट्रैक्टर छोड़कर भाग गए। दोनों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। नोएडा पुलिस ने बताया कि लूट का एक मोबाइल मसौता में चलने की जानकारी मिली थी। उसकी तलाश में ही यहां टीम आई थी।
सादे कपड़ों में थे पुलिसवाले, गाड़ी पर नहीं थी नंबर प्लेट
हमले की घटना में नोएडा पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। एसओजी के चार सदस्यों में से तीन ने पुलिस की वर्दी नहीं पहन रखी थी। सिर्फ एक सिपाही पुलिस की वर्दी में था। पुलिसवाले जिस क्रेटा गाड़ी में आए, उस पर कोई नंबर प्लेट भी नहीं थी। इतना ही नहीं, नोएडा पुलिस ने गांव में दबिश देने से पहले मसूरी थाना पुलिस को सूचना भी नहीं दी। नियम के अनुसार पहले थाने में आमद दर्ज कराई जाती है। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं जब पुलिस बिना सूचना के दूसरे जिले में आई और मुश्किल में पड़ गई। डीसीपी ग्रामीण विवेक यादव ने बताया कि नोएडा पुलिस के आने की थाने पर पूर्व में कोई सूचना नहीं थी।
दुकानें बंद, सड़कों पर सन्नाटा
पुलिसकर्मियों पर हमले के बाद जैसे ही मसूरी और नोएडा सेक्टर- 63 की पुलिस मसौता गांव में पहुंची, वैसे ही सन्नाटा पसर गया। धड़ाधड़ शटर गिर गए और दुकानें बंद हो गईं। लोगों ने घर भी बंद कर लिए। पुलिस ने आरोपियों की तलाश में दबिश देना शुरू किया तो गांव के लोग डरे हुए नजर आए। रात तक यही स्थिति बनी रही।