मेडिकल कॉलेज परिसर से मरीज की खरीद फरोख्त के आरोप में पकड़ा गया ऑटो व चालक।
मेडिकल कॉलेज में अब ऑटो से मरीज लेने आए थे दलाल, दबोचे गए
एंबुलेंस मरीज माफिया : दो ऑटो व बाइक सीज, निजी मुचलके पर छोड़ा
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीज एंबुलेंस माफिया का एक नया गठजोड़ सामने आया है। अब बाइक सवार दलाल ऑटो का इस्तेमाल करने लगे हैं। मंगलवार सुबह दलाल ने पहले मरीज के तीमारदार से बातचीत की और फिर बाहर ले जाने के लिए दो ऑटो बुलाया था। पुलिस ने सुबह एक बाइक सवार और दो ऑटो चालकों को पकड़ा। ऑटो, बाइक को सीज करने के साथ ही पुलिस ने दोनों चालकों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर छोड़ा। वहीं कथित दलाल से एक लाख रुपये का मुचलका जमा कराया गया।
जानकारी के मुताबिक, नौ जुलाई को पुलिस और एंबुलेंस माफिया में हाथापाई के बाद से पुलिस ने पूरे सिस्टम को ध्वस्त करने की पहल की है। तब से पुलिस ने सख्ती की तो इसका असर है कि एंबुलेंस मरीज माफिया अपना तरीका बदलकर मरीजों को ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। प्राइवेट एंबुलेंस, लग्जरी गाड़ी के बाद अब ऑटो से मरीजों को बाहर ले जाने का मामला प्रकाश में आया है। मंगलवार की सुबह पांच के करीब में मेडिकल चौकी इंचार्ज विवेक मिश्रा अपने पुलिस कर्मियों के साथ गश्त कर रहे थे कि दो सीएनजी ऑटो अस्पताल के पास संदिग्ध हालत में खड़ी थी। एक का चालक मनोज कुमार निवासी झुंगिया बाजार, दूसरे का चालक कलीम खान निवासी मानबेला के ऑटो को सीज किया गया।
उसी समय ट्राॅमा सेंटर के पास बाइक से गुलरिहा के मोगलहा निवासी दिनेश मिला। पूछताछ से वह संदिग्ध लगा। चौकी इंचार्ज के मुताबिक, दिनेश अक्सर मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में बिचौलिए का काम करता है। इसकी बाइक को सीज कर दिनेश को एक लाख के मुचलके पर छोड़ा गया।