शहर में होटल और रेस्टोरेंट संचालक फास्टैक ट्रेनिंग में नहीं दिखा रहे रुचि
खाद्य सुरक्षा विभाग में 1739 होेटल और रेस्टोरेंट का कराया गया है पंजीकरण
संवाद न्यूज एजेंसी
गोरखपुर। यदि घर से बाहर कुछ खाते-पीते हैं तो अपने सेहत की चिंता आप को खुद ही करनी होगी। शहर में खाद्य सामग्री बेचने वाले अधिकांश दुकानदार, रेस्टारेंट और होटल संचालक इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से कराई जा रही फास्टैक ट्रेनिंग में संख्या नहीं बढ़ रही है। अधिकांश लोग प्रशिक्षण शुल्क 750 रुपये बचाने के चक्कर में इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लेकर यह ट्रेनिंग दी जा रही है।
खाद्य पदार्थों को बनाने, उन्हें बेचने, गुणवत्ता सहित अन्य बिंदुओं पर ध्यान रखने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन यानि एफओएसटीएसी (फास्टैक) को लागू किया है।
जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से कुल 1739 होटल, रेस्टोरेंट और खाद्य पदार्थ विक्रेता पंजीकृत हैं। इन्हें फास्टैक ट्रेनिंग के लिए बार बार बुलाया जा रहा है। लेकिन अधिकांश लोग उपस्थित नहीं हो रहे हैं। शुक्रवार को एनेक्सी भवन सभागार में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में कुल 250 लोग शामिल हुए। इसके पहले 29 सितंबर को हुए कार्यक्रम में 50 लोग आए थे। इसमें नए कारोबारियों ने काफी रुचि दिखाई। जबकि इसके पूर्व कुल 259 लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस तरह से तीन चरणों में महज 559 लोग ही ट्रेनिंग ले सके हैं। अभी 1180 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाना बाकी है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि इसके लिए 750 रुपये शुल्क लिया जाता है। इसमें साफ सफाई, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, पोषक तत्व, रख-रखाव, हैंडलिंग, निर्माण के दौरान सुरक्षा के तरीके आदि पर प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि गुणवत्तायुक्त और मानक स्तर के खाद्य पदार्थ तैयार हो सकें।
जिले में फास्टैक ट्रेनिंग चल रही है। इसके लिए सभी को जागरूक किया जा रहा है। नवंबर माह के अंत में शिविर लगाकर बड़ी संख्या में लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कुमार गुंजन, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन