वही इस मामले में दुकान की देखरेख करने वाले एक युवक द्वारा बताया गया कि सरकार ने आनन-फानन में यह फैसला लिया है. जो न्याय उचित नहीं है. व्यापारियों का लाखों रुपए का माल दुकानों में भरा हुआ है. सरकार को इस प्रतिबंध लगाने से पहले कुछ समय सीमा तय करनी चाहिए थी. जिसके तहत व्यापारी अपने माल को बेच लेते या हटा लेते. लेकिन सरकार के इस रवैया को उन्होंने न्याय उचित नहीं बताया. उन्होंने बताया कि सरकार का यह फैसला पूरी तरीके से गलत है. जिसका खामयाजा आम व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. छापेमारी की टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेश मोहन त्रिपाठी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सूचित प्रसाद, संतोष कुमार तिवारी, स्वामीनाथ, कमल नारायण सिंह, राधेश्याम, उमाशंकर सिंह, डॉक्टर श्रीनिवास यादव, अंकुर मिश्रा शामिल रहे.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर