‘Heeramandi’ Web Series Review: ओटीटी यूजर्स के लिए भंसाली का बड़ा तोहफा है ‘हीरामंडी’


संजय लीला भंसाली में कुछ तो खास है, क्योंकि वह किसी भी प्रोजेक्ट को बनाने से पहले काफी दूर तक सोचते हैं. फिल्मों को लेकर उनके विचार और क्षमताओं का कोई सीमा नहीं है, उनकी सोच दूसरे फिल्म मेकर्स से काफी अलग होती है. वह जानते हैं कि सिनेमाघरों में दर्शकों को क्या चाहिए और क्या नहीं और ओटीटी यूजर्स के लिए भी उन्होंने काफी रिसर्च की होगी, तब जाकर उनकी अपनी पहली वेब सीरीज ‘हीरामंडीः द डायमंड बाजार’ बनाई, जो रिलीज के साथ 1 मई को ओटीटी पर छा गई और इस सीरीज का जलवा अगले कई दिनों या महीनों तक लोगों के बीच देखने को मिलता रहेगा.

जब बात संजय लीला भंसाली की आती है, तो दिमाग में सबसे पहले सेट आता है, क्योंकि ये हम सभी को पता है कि भंसाली अपनी फिल्मों में सेट को ज्यादा तवज्जो देते हैं और यही चीज उनकी पहली वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ में भी देखने को मिली. जैसा कि कहा जा रहा था कि भंसाली ‘हीरामंडी’ पर फिल्म बनाने की सोच रहे थे, न की वेब सीरीज, लेकिन अगर ऐसा होता तो शायद हम बहुत कुछ इसमें मिस कर देते, क्योंकि फिल्में 3 घंटे तक बनाई जा सकती है. ‘हीरामंडी’ पर वेब सीरीज बनाने का भंसाली का फैसला कहीं न कहीं से सही साबित होता दिख रहा है.

‘हीरामंडी’ औरों से काफी बड़ी वेब सीरीज है, जिसमें भले ही 8 ही एपिसोड हैं, लेकिन उनका ड्यूरेशन काफी लंबा है, कोई एपिसोड 1 घंटे का है तो उनमें से कुछ 45 मिनट का भी है. इस बार तो भंसाली खूबसूरत सेट के साथ बॉलीवुड की कई खूबसूरत हसीनाओं को भी साथ लाए हैं. इस सीरीज में मनीषा कोइराला, अदिति राव हैदरी, सोनाक्षी सिन्हा, संजीदा शेख, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा, ताहा शाह, जैसन शाह, फरदीन खान, अध्ययन सुमन और शेखर सुमन मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं.

इस सीरीज की कहानी देश की आजादी के पहले की है, जब पाकिस्तान नहीं बना था और लाहौर की सड़कों पर भारत की आजादी के नारे जोर-शोर से लगाए जा रहे थे. लाहौर में एक जगह है, जिसका नाम है हीरामंडी, जिसे रेड लाइट एरिया के रूप में जाना जाता है. यह सीरीज वहां की तवायफों की जिंदगी पर प्रकाश डालती है. सीरीज में उनकी जिंदगी के साथ-साथ ये भी दिखाया गया है कि कैसे उन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी कुर्बानियां दी थीं. वहीं, शुरुआती पहले और दूसरे एपिसोड को आपको बड़े ध्यान से देखने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि तवायफों के आपसी रिश्तों को भंसाली ने सीरीज में इस तरह से दिखाया है कि उन्हें समझने के लिए आपको शुरुआत में थोड़ा वक्त देना पड़ेगा.

मल्लिका जान की भूमिका में मनीषा कोइराला, बिबू जान की भूमिका में अदिति राव हैदरी, और वहीदा के किरदार में संजीदा शेख की कलाकारी आपका दिल जीत लेगी. वहीं, सोनाक्षी सिन्हा की ये दूसरी वेब सीरीज है, इससे पहले उन्होंने ‘दहाड़’ में काम किया था, जिसमें वह एक पुलिस के किरदार में थीं और वर्दी में वह काफी जच भी रही थीं. इस बार उनका किरदार ही नहीं, बल्कि उनका पूरा तेवर भी अलग दिखा. भंसाली ने सोनाक्षी के किरदार को इस तरह से सजाया है कि आप उनके अभनिय के दीवाने हो जाएंगे.

सीरीज में सोनाक्षी दो अलग-अलग किरदारों में नजर आ रही हैं, उनके पहले किरदार का नाम रेहाना होता है, जो मल्लिका जान की बड़ी बहन हैं, और उनके दूसरे किरदार का नाम फरीदन है, जो रेहाना की बेटी हैं. सीरीज की कहानी रेहाना और मल्लिका जान पर ही बेस्ड है. इसमें कोई शक नहीं कि सीरीज की कहानी दमदार है, लेकिन इस सीरीज में कुछ कमजोर पार्ट भी है. अगर आप सीरीज देखने बैठेंगे तो आपको लगेगा कि कहानी बहुत धीरे चल रही है, जिससे आपको थोड़ी बोरियत जरूर महसूस होगी. वहीं, बार-बार एक ही तरह के सेट आपकी नजरों के सामने आते रहेंगे, जिससे आपकी आंखें थोड़ी थकी-थकी भी लगेगी, जबकि सीरीज में भंसाली ने खुद संगीत भी दिया है, तो आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि सीरीज में संगीत कितनी दमदार होगी. कुल मिलाकर देखा जाए, भंसाली की यह वेब सीरीज ओटीटी यूजर्स के लिए एक बड़ा तोहफा है, जिसे आप एक बार जरूर देखना पसंद करेंगे.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Film review, Sanjay leela bhansali, Sonakshi sinha


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