India News UP (इंडिया न्यूज़), High Court order: उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा में ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर लगाई गई रोक खारिज कर दी गई है। हाई कोर्ट (High Court order) ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि अनियंत्रित यातायात के आधार पर रजिस्ट्रेशन रोकने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को नियम बनाने का अधिकार है और बिना किसी कानूनी अधिकार के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने वाले आदेश को खारिज कर दिया गया।
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याचिका के अनुसार, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मथुरा और आगरा ने 7 नवंबर, 2023 और 8 जनवरी, 2024 की अधिसूचना के माध्यम से ई-ऑटो, ई-रिक्शा के पंजीकरण पर प्रतिबंध (High Court order) लगा दिया। वहीं, यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने अधिवक्ता प्रारब्ध पांडे एवं सरकारी वकील को सुनने के बाद मथुरा की श्री वृन्दावन ऑटो सेल्स समेत छह ऑटो एजेंसियों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है।
वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, लेकिन
आगरा में 14748 ई-रिक्शा, 12346 सीएनजी थ्री व्हीलर रिक्शा और 695 ई-ऑटो हैं। नियम 178 को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि इसके तहत वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार तो है लेकिन रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। यहां तक कि सरकार को भी यातायात नियंत्रण के लिए नियम बनाने का अधिकार है और वह नियमों में बदलाव भी कर सकती है।
बता दें कि प्रतिबंध लगाना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है। राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि ई-रिक्शा और ई-ऑटो सहित सीएनजी ऑटो यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। आवश्यकता से अधिक इनकी संख्या यातायात की समस्या उत्पन्न कर रही है।
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