ऑटो रिक्शा(सांकेतिक)
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हिमाचल प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने की राज्य सरकार की नीति के तहत हिमाचल में अब ई-ऑटो ही चलेंगे। पेट्रोल और डीजल ऑटो के संचालन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। शिमला में आयोजित राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में यह फैसला लिया गया। इतना ही नहीं अब पुराने ऑटो के बदले जो नए ऑटो खरीदे जाने हैं, वे ई-ऑटो ही खरीदने होंगे। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले ऑटो की खरीद पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश में करीब 6500 ऑटो संचालक हैं। परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि निजी बस ऑपरेटर अब बसों के साथ मनमाने दामों पर रूट परमिट नहीं बेच पाएंगे।
परमिट विभाग के पास जमा करवाने होंगे। परिवहन विभाग नीलामी के जरिये दूसरे ऑपरेटरों को उक्त परमिट देगा। इस व्यवस्था को लागू करने से पहले अध्ययन के लिए कमेटी बनाने का फैसला लिया है। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ में फैक्टरी कर्मियों को लाने और ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फैक्टरी के साथ अनुबंधित यात्री वाहनों का हिमाचल प्रदेश में पंजीकरण करने और नियमों के तहत रूट परमिट देने का निर्णय लिया है। ऐसा करने से सरकार को जीएसटी और टोकन टैक्स की कमाई हाेगी। अब तक अनुबंधित वाहन पंजाब और हरियाणा में पंजीकृत हैं और सेवाएं प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में दे रहे हैं।
प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ई-ऑटो के संचालन का फैसला लिया गया है। बस बेचने पर परमिट विभाग के पास जमा करने की योजना के अध्ययन के लिए कमेटी बनाने का भी निर्णय लिया है। – अनुपम कश्यप, निदेशक, परिवहन विभाग