ध्रुव जुरेल
विकेटकीपर बैटर ध्रुव चंद जुरेल का ना सिर्फ यूपी के आगरा में जन्म हुआ है, बल्कि वह डोमेस्टिक क्रिकेट में यूपी के लिए खेलते भी हैं। उन्होंने आगरा और नोएडा की अकेडमी में क्रिकेट की कोचिंग ली। ध्रुव साल-2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के उपकप्तान भी थे। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को अंडर-19 एशिया कप का खिताब दिलाया। राजकोट टेस्ट में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज डेब्यू का मौका मिलते ही ध्रुव ने उपयोगिता साबित की। पहले टेस्ट में 46 रन की पारी खेलकर इतिहास रच दिया, चूंकि यह 90 साल बाद किसी भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज की पदार्पण टेस्ट में सबसे बड़ी पारी थी।
सरफराज खान
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में सरफराज खान ने अपने टेस्ट करियर का आगाज किया। सरफराज डोमेस्टिक क्रिकेट में मुंबई की तरफ से खेलते हुए रनों का अंबार लगाकर लंबे समय से भारतीय टीम का दरवाजा खटखटा रहे थे। सरफराज का जन्म मुंबई में हुआ, लेकिन इस क्रिकेटर के परिवार का रिश्ता आजमगढ़ से है। कोविड के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो सरफराज को उनके पिता नौशाद खान कानपुर लेकर आए, जहां उन्हें भारतीय टीम के स्पिनर कुलदीप यादव की गेंदों पर नेट प्रैक्टिस करने का काफी मौका मिला था। खान ने राजकोट में डेब्यू मैच में ही अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ी जिसमें उन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ा। पहली पारी में 62 रन बनाकर रन आउट हुए तो दूसरी पारी में नाबाद 68* रन की पारी खेली।
यशस्वी जायसवाल
इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में दो डबल सेंचुरी के साथ रनों का अंबार लगाकर बाएं हाथ के इस बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज ने जबरदस्त सुर्खियां बटोरी हैं। यशस्वी भी घरेलू क्रिकेट में मुंबई की तरफ से खेलते हैं, लेकिन उनका जन्म यूपी के भदोही जिले के सुरियावां गांव में हुआ था। यशस्वी का परिवार बेहद गरीब था और पिता भदोही में हार्डवेयर की एक छोटी-सी दुकान चलाते थे। यशस्वी अपने छह भाई-बहनों में से चौथे नंबर पर हैं। देश के लिए खेलने का सपना लिए 11 साल की उम्र में ही अकेले मुंबई चले गए, जहां बेहद मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा। लेकिन, अपनी लगन और कड़ी मेहनत से आज बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं। यशस्वी को इस सीरीज की खोज कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि अब तक तीन टेस्ट की छह पारियों में वह 545 रन बना चुके हैं जिनमें उनके दो दोहरे शतक भी हैं। इस दौरान वह 50 फोर और 22 सिक्स लगा चुके हैं।
कुलदीप यादव
बाएं हाथ के यह गेंदबाज टीम इंडिया के लिए पिछले कुछ वर्षों में स्पिन डिपार्टमेंट में मुख्य हथियार बन चुके हैं। अपने कलाई के जादू से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में कई मुकाबलों में मैच विनर साबित हुए हैं। ‘केडी’ के निकनेम से मशहूर कुलदीप का जन्म यूपी के कानपुर में हुआ था और वह घरेलू क्रिकेट में यूपी के लिए ही खेलते हैं। कुलदीप टीम इंडिया के लिए अब तक 10 टेस्ट में 22.86 के उम्दा औसत से 42 विकेट ले चुके हैं। जबकि 103 वनडे में 26.01 के औसत से 168 विकेट लिए हैं जिनमें मैच में पांच विकेट लेने का कारनामा दो बार किया है। 35 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में महज 14.1 के औसत से 59 विकेट लिए हैं, जिसमें 5/17 का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।