IND vs SA Tickets: गायब हुए भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के टिकट, जांच में जुटी पुलिस; बंगाल क्रिकेट संघ के अधिकारियों से पूछताछ – India South Africa match tickets missing police investigation starts Bengal Cricket Association officials


विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। ईडन गार्डेंस स्टेडियम में पांच नवंबर को भारत-दक्षिण अफ्रीका में होने वाले मैच के टिकट मानों ‘गायब’ हो गए हैं। न आनलाइन मिल रहे, न टिकट काउंटरों पर। इतने सारे टिकट आखिर कहां गए, यह यक्ष प्रश्न बन गया है।

टिकट गायब होने पर क्या बोले कैब?

बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली का कहना है कि ईडन में अंतरराष्ट्रीय मैच होने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) से 65,000 टिकट मिलते हैं, लेकिन भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के लिए 50 प्रतिशत से भी कम टिकट मिले इसलिए सबको दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

कैब के आजीवन सदस्य तक वंचित कैब सूत्रों ने बताया कि इस बार स्थिति यह है कि 70 प्रतिशत से अधिक आजीवन सदस्यों तक को टिकट नहीं मिल पाया है, जो कि ‘गारंटीड टिकट’ माना जाता है। कैब के लगभग 11,000 आजीवन सदस्य हैं, जिनमें से मात्र 3,000 को ही टिकट दिया जा रहा है।

टिकट नहीं मिलने से नाराज आजीवन सदस्यों के एक वर्ग ने गुरुवार को ईडन के सामने प्रदर्शन किया। कालाबाजारियों के पास टिकटों की भरमार एक ओर जहां क्रिकेट प्रेमी व कैब के आजीवन सदस्य एक अदद टिकट के लिए तरस रहे हैं, दूसरी तरफ कालाबाजारियों के पास टिकट ही टिकट हैं, जिन्हें वे मनमाने दाम पर बेच रहे हैं। 900 रुपये का टिकट 8,000 से भी अधिक दाम पर बिक रहा है। 1500 के टिकट का भाव तो 10,000 के पार चला गया है।

कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने बताया,

मैच टिकटों की कालाबाजारी करते सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से कुल 55 टिकट बरामद हुए हैं। दर्ज शिकायत के आधार पर कैब व बुकमाइशो के अधिकारियों से पूछताछ की गई। उनके जवाब से हम संतुष्ट नहीं है।

टिकट संकट के लिए बीसीसीआइ जिम्मेदार: सौरव

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने टिकट संकट के लिए बीसीसीआइ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कैब का इससे कोई लेना-देना नहीं है। टिकट की जिम्मेदारी बीसीसीआइ की है। टिकट नहीं मिलने पर कैब के सदस्य कुछ नहीं कर सकते। बीसीसीआइ व कैब के पूर्व अध्यक्ष सौरव ने आगे कहा कि कैब के लिए टिकटों की कालाबाजारी रोकना संभव नहीं है। पुलिस को यह जिम्मेदारी लेनी होगी।


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