Jaunpur News: सड़क किनारे बिक रहे फास्ट फूड से सूज रहीं आतें, बढ़ रही पेट की बीमारी


करंजाकला। सड़क किनारे नालों के पास बने रहे फास्ट फूड का स्वाद यदि आप ले रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। ऐसे स्थानों पर पक रहे फास्ट फूड खास तौर से पेट के लिए नुकसानदेह साबित हो रहे हैं। इसके प्रमाण प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज में आने पेट के मरीजों को देख कर लगाया जा सकता है। इन मरीजों में युवाओं की संख्या अधिक है।

मौजूदा समय में लोगों की पहली पसंद फास्ट फूड बन गई है। बच्चे हो या बड़े सभी इसे चाव से खाते हैं। अक्सर सड़क किनारे ठेले वालों के यहां आपने खूब भीड़ देखी होगी। इन दुकानों पर उपयोग होने वाले मैदा और बार-बार उपयोग होने वाले तेल के करण लोगों की आंत पर असर पड़ रहा है। उमानाथ सिंह स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) की ओपीडी में पेट के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इन मरीजों के आंतों में सूजन की समस्या देखने को मिल रही है। इसका प्रभाव शरीर के अन्य क्रियाओं पर भी हो रहा है। बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है, तनाव उच्च रक्तचाप बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही लोग बीपी के भी मरीज हो रहे हैं।

12 से 25 साल के लोग हो रहे बीमार

मेडीकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के डॉक्टर और पेट से जुड़ी बीमारी के विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र कुमार बताते हैं की ओपीडी में हर दिन 20 से 25 साल के युवा और 12 से 16 साल के किशोर इलाज के लिए आ रहे हैं। जिन्हें पेट में दर्द, नित्य क्रिया में परेशानी, भूख नहीं लगना आदि की शिकायत हैं। पता लग रहा है कि बच्चे स्कूल से लौटते वक्त दोपहर में कभी बर्गर तो कभी चाउमीन खाकर आते हैं। ये खाने से आंतों को नुकसान पहुंच रहा है।

विज्ञापन
विज्ञापन

लोगों में बढ़ रही इन्फ्लेमेटरी बॉउल डिसीज

इस प्रकार की खाद्य सामग्री पेट में पूरी तरह से पचते नहीं हैं। आंतों में मैदा की लेयर जमने लगता है। जिससे कुछ दिन बाद आंत में सूजन शुरू हो जाती है। इसमें पेट में ऐंठन और दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है। इन्फ्लेमेटरी बॉउल डिसीज (आईबीडी) पाचन से संबंधित ऐसी एक बीमारी है। जिसके कारण पाचन तंत्र में सूजन हो सकती है।

विज्ञापन

फास्ट फूड खाने से आंतों में सूजन पेट से जुड़ी बीमारी इन्फ्लेमेटरी बॉउल डिजीज (आइबीडी) तेजी से बढ़ रही है। इसके लिए नशा युक्त चीज, वसा युक्त चीज, तेल में बार-बार प्रयोग किए गए सामग्रियों को खाने से बचने की आवश्यकता है।-डॉ. जितेंद्र कुमार, जनरल मेडिसिन विभाग मेडिकल कॉलेज जौनपुर


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *