
बहादुरगढ़। रेलवे रोड़ का मोड़ 60 फुट से अधिक चौड़ा है, लेकिन यहां पर दिन भरई-रिक्शा और ऑटो चालकों का कब्जा रहता है। इससे यह मोड़ केवल 20 फुट ही बचता है और आवागमन में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासन को भी इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दिल्ली-रोहतक रोड पर शहर के रेलवे रोड, नाहरा-नाहरी मोड़ व झज्जर मोड़ के आसपास ऑटो व ई-रिक्शा सड़कों पर आड़े-तिरछे खड़े रहते हैं। यह न केवल एक लाइन में बल्कि सड़क पर बीचोंबीच तीन लाइनें बना देते हैं। इससे दूसरा वाहन निकलने में काफी दिक्कत होती है। ऑटो व ई-रिक्शा चालक सवारियां बैठाने के चक्कर में एक-दूसरे के आगे अड़ाकर सड़क को भी तंग कर देते हैं। जिसके कारण सड़कों पर जाम की स्थिति तो बनती है और व्यवस्था भी डगमगाती है। रेलवे रोड शहर का प्रमुख बाजार है। अतिक्रमण हटाओ अभियान भी नगर परिषद व यातायात पुलिस की ओर से मिलकर चलाया भी जाता रहता है।
इस मार्ग से निकलने वाले चालक सतीश शर्मा, राकेश गुप्ता, कृष्ण सिंघल, विकास व सोनू ने कहा कि पुलिस प्रशासन को मनमानी करने वाले वाहन चालकों पर भी सख्ती करनी चाहिए, क्योंकि बाजारों में नुक्कड़ों व चौराहों पर वाहन खड़ा करके वे दूसरों के लिए परेशानी का कारण तो बनते ही हैं साथ में सड़क पर जाम की स्थिति भी बन जाती है। दिल्ली रोड पर रेलवे रोड व नाहरा-नाहरी मोड के मुहाने पर ज्यादा दिक्कतें लोगों को होती हैं। राहगीरों का कहना है कि सड़कों के मोड़ पर स्पेशल पुलिस की तैनाती करके मोड़ से वाहनों को हटवाने का कार्य किया जाए।
रेलवे रोड और नाहरा-नाहरी मोड़ पर बेतरतीब ढंग से खड़े होने वाले ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के चालान किए जाएंगे। उन्हें कई बार इस बारे में हिदायत दी गई है। यदि वे नहीं मानते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
-नरेश संधू, एसएचओ, टै्रफिक बहादुरगढ़।