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संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने लाइसेंस जारी किया है। इसके बाद विश्वविद्यालय के फूड टेक्नोलॉजी विभाग में विशेषज्ञों की निगरानी में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए बेकरी और मोटे अनाज से बने व्यंजनों को बाजार में बेचा जा सकेगा।
साथ ही विश्वविद्यालय अपने यहां बनने वाले खाद्य पदार्थों की ब्रांडिंग भी कर पाएगा। यह लाइसेंस पाने वाला यह प्रदेश का पहला विवि बन गया है।
खाद्य पदार्थ बनाने वाला संस्थान, कंपनी या फर्म को बाजार में खाद्य उत्पाद बेचने से पहले भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण से लाइसेंस लेना पड़ता है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी और फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग विभाग में लगातार विद्यार्थी प्रयोगात्मक परीक्षा और ट्रेनिंग के दौरान बेकरी और मोटे अनाज से व्यंजन बनाते रहते हैं।
लेकिन इन्हें बाजार में बेच नहीं सकते। पिछले दिनों विश्वविद्यालय ने अपने यहां बनने वाले खाद्य पदार्थों को प्रमाणित करने और उसे बाजार में उतारने के लिए एफएसएसएआई में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इसके बाद प्राधिकरण ने संस्थान की सभी व्यवस्थाएं नियमानुसार पाईं और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को लाइसेंस जारी कर दिया।
फूड टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. एसके कटियार ने बताया कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसे एफएसएसएआई ने लाइसेंस जारी किया है। अब बेकरी उत्पाद और मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ आम जनता के लिए सप्ताह में एक दिन बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।