अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। टहरौली के बरौल के जंगल से मुक्त कराए गए दोनों शिक्षकों ने पुलिस को आपबीती सुनाई। शिक्षकों ने पुलिस को बताया कि पृथ्वीपुर के अछरू माता मंदिर तिराहे से अगवा करने से पहले भी कार सवारों ने उनकी जमकर पिटाई की। जबरन घसीटकर उनको कार में बिठा लिया। इसके बाद पृथ्वीपुर से भटपुरा होते हुए करीब 90 किलोमीटर की दूरी तय करके टहरौली के बरौल गांव पहुंचे। करीब दो घंटे तक इस पूरे रास्ते उनको कार में घुमाते रहे। रास्ते भर कार के भीतर लात-घूंसे बरसाते रहे। शिक्षक शोर न मचाने पाएं इसके लिए उनका मुंह कपड़े से बांध दिया था।
शिक्षकों को बीच में बैठाकर दो बदमाश अगल-बगल बैठ गए। कार का शीशा भी बंद कर दिया। शिक्षकों का कहना है कि लात-घूंसे बरसा-बरसा कर उनको अधमरा कर दिया गया। पूरे रास्ते पानी भी पीने को नहीं दिया। उधर, थाने पहुंचने के बाद शिक्षकों ने पुलिस को पूरे रास्ते के बारे में बताया। तब तक पृथ्वीपुर पुलिस भी पहुंच गई थी। शिक्षकों से मिली लोकेशन के जरिए पुलिस रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल कर रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि कार सवारों ने पृथ्वीपुर से टहरौली लाने के लिए मुख्य सड़क का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि अंदर के रास्ते से लेकर वहां पहुंचे। पेट्रोल पंप एवं कुछ ढाबों में लगे सीसीटीवी कैमरों में लाल रंग की कार कैद हो गई। इसके आधार पर पड़ताल की जा रही है।
इनसेट
सेंदरी और बरौल के घने जंगलों में बदमाशों के अड्डे
टहरौली के सेंदरी और बरौल के जंगल काफी घने हैं। कुछ ही दूर में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का बार्डर है। ऐसे में इसका फायदा उठाते हुए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बदमाशों ने यहां अड्डा बना रखा है। शिक्षकों को अगवा करने वाले बदमाश भी इसी जंगल में दोनों को लेकर जा रहे थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही कि दोनों शिक्षकों को फिरौती के लिए ही वहां लेकर जा रहे थे लेकिन, पुलिस इससे इंकार कर रही है। पुलिस अफसरों का कहना है पूछताछ में दोनों शिक्षकों ने भी फिरौती मांगे जाने की बात से इंकार किया है।