Kanpur Jail canteen बंदी बनाएंगे खाना, रिहा हुए अपराधी उसे परोसेंगे


Kanpur Jail canteen : चेतना मंच। कानपुर। सैय्यद अबू साद। यूं तो जेल की रोटी खाने के नाम से ही बड़े-बड़े लोगों की हालत पतली हो जाती है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के कानपुर कारागार की रोटी कोई भी जाकर खा सकेगा। जी हां, दरअसल जेल में बंद कैदियों से मिलने आने वाले, आसपास के लोगों को उचित दाम पर खाना मिल सके और बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कानपुर जेल प्रशासन ने अब जेल के बाहर अपना फूड आउटलेट शुरू कर दिया है। यहां पर जेल की रोटी से लेकर खाना ही नहीं, नाश्ता भी मिलेगा। खास बात यह है कि यह खाना जेल में बंद कैदी बनाएंगे और रिहा हुए अपराधी आपकी थाली में परोसकर देंगे। इसका शुभारंभ कानपुर डीएम विशाख जी, कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी, कानपुर महापौर प्रमिला पाण्डेय ने किया।

उत्तर प्रदेश की पहली जेल कैंटीन

कानपुर के जिलाधिकारी विशाख जी की पहल पर उत्तर प्रदेश में पहली बार जेल में बनी दाल, चावल, रोटी और सब्जी उचित दामों पर आम लोगों को भी दी जाएगी। जेल प्रशासन ने खाने की ब्रिकी के लिए जेल गेट के बगल में ही व्यवस्था की है। इसके लिए काउंटर भी बनकर तैयार हो गया है। इसकी काउंटर से खाने की बिक्री की जाएगी। इससे जेल में बंदियों से मिलने आने वाले लोगों व जरूरतमंदों को सस्ते दाम पर खाना मिल सके। इसकी शुरूआत 15 अगस्त से की जाएगी। लोग जिला कारागार आकर सुविधा ले सकेंगे।
यूपी के इस पहले जेल कैंटीन आउटलेट पर 70 रुपए में भरपेट थाली मिलेगी, जिसमें चार रोटी, दाल, सब्जी, चावल, अचार और मिर्च होगी। यह कैंटीन सुबह 9 बजे से शाम सात बजे तक खुलेगी। लंच टाइम 1 से 4 बजे तक रखा गया है। सरकारी विभाग और निजी संस्थानों के लिए पैक्ड फूड (लंच) मिलेगा। खाना बनाने में आरओ का पानी इस्तेमाल किया जाएगा। जो रिहा बंदी आउटलेट से खाना देंगे, उनमें एक गैर इरादतन हत्या और दूसरा दहेज हत्या का आरोपी थे, जो जेल से छूट चुके हैं। इस आउटलेट का खाना बनाने के लिए चार बंदी अलग से नियुक्त किए गए हैं।

क्वालिटी चेक के बाद दिया जाएगा खाना

आउटलेट का खाना गुणवत्तायुक्त हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने एक कमेटी बनाई है जो क्वालिटी चेक करेगी। इस टीम में जेल के एक डॉक्टर, जेलर और एक डिप्टी जेलर रहेंगे। क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी इसी टीम की रहेगी। जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि आउटलेट की स्थापना बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सहकारी समिति संस्था के अंतर्गत की गई है। इस संस्था के प्रवर्तक जेल अधीक्षक रहेंगे। संस्था की कमेटी के अन्य सदस्यों में जेलर, डिप्टी जेलर और जेल के बंदी रहेंगे। इस संस्था के नाम से बैंक में अकाउंट खुलवाया गया है। जो सेल होगी, उसमें लागत और दूसरे खर्चे निकालने के बाद जो भी बचेगा उसे काम करने वाले बंदियों के खाते में डाला जाएगा।

परिश्रमिक दोगुना करने को भेजा जाएगा पत्र

जिला कारागार में कुल 2594 कैदी बंद है। इसमें महिला 107, बच्चा 14, अल्प वयस्क 166, विदेशी 8, बैरक 12 (ए) में 95, बैरक 12 (बी) में 48, हॉस्पिटल के बैरक नंबर 15 में 39, एचएसबी 27 में 9, एनएसए में तीन व बाकी पुरुष बंदी हैं। इन सभी बंदियों के लिए 85 बंदी कुक दो शिफ्टों में खाना बनाते हैं। जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि जिला कारागार में आटा चक्की, बड़ी रसोई व पीएनजी कनेक्शन की सुविधा पहले से ही है। अब तक रसोई में बंदी जैसा काम करता है उसके हिसाब से 25 से 40 रुपये प्रतिदिन दिए जाते थे। अब कैंटिन में भी खाना बनाने पर उचित परश्रिमिक दिया जाएगा। इसके साथ ही खाना बनाने वाले बंदियों का पारिश्रमिक बढ़ाने के लिए शासन को जल्द ही पत्र भेजा जाएगा। जिसके कि उनकी पारिश्रमिक दोगुना की जाए सके। जेल की रसोई में लगे बंदी अभी अपने साथियों का ही खाना तैयार करते थे। जिला प्रशासन की मंशा सिर्फ कैदियों को रोजगार देना है, जिससे कि वह बाहर निकलकर फिर से आपराधिक वारदातों को अंजाम न दें।

मिलेगा पूरी तरह शुद्ध खाना

जेल के अंदर इस आउटलेट के लिए स्पेशल किचेन बनाया गया है, लिहाजा खाना घर की रसोई की तरह शुद्ध होगा। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को मैन्युअल के हिसाब से सुबह और रात में खाना सर्व किया जाता है। सुबह कैदियों का खाना बनने के साथ ही कैंटीन का भी खाना तैयार किया जाएगा। इसके बाद उसे नामी रेस्टोरेंट और होटल की तरह पैकिंग कर कैंटिन काउंटर पर ले जाया जाएगा। पैकिंग को पूरे स्वीकृत तरीके से किया जाएगा। खाने का काउंटर शुरू होने के बाद परिणाम अच्छा रहा तो खाना बनाने वाले बंदियों को नामी होटल के शेफ से प्रशिक्षण भी दिलाई जाएगी। दूसरे जिलों से अपने केस की सुनवाई में आए लोगों को लंच के लिए कचहरी से दूर जाना पड़ता था, इस आउटलेट के बन जाने से घर की रसोई का स्वाद यहां से पैक्ड थाली में मिलेगा।

Kanpur Jail canteen

कारागार दोष वालों को सिफारिश की जरूरत नहीं

कानपुर जेल की रोटी खाने के लिए अब आपको किसी से सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल कुछ लोग जेल की रोटी खाने की सिफारिश लगाकर आते थे। दरअसल, कुछ लोग जेल आकर अपनी या बच्चों की कुंडली में कारागार दोष का हवाला देकर रोटी खिलाने का अनुरोध करते थे। ऐसे लोगों के लिए अब सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह आराम से यहां आकर महज कुछ रुपये खर्च कर जेल की रोटी खा सकेंगे।

ये रहा जेल कैंटीन का मेन्यू

70 रुपए में खाने की पैक्ड थाली
10 रुपए पीस समोसा (पत्ते के दोने में)
10 रुपए प्रति चाय (मिट्टी के कुल्हड़ में)
20 रुपए प्रति कॉफी (मग में )
15 रुपए प्रति गुलाब जामुन
10 रुपए प्रति पीस ब्रेड पकौड़ा
20 रुपए प्रति पीस पराठा
25 रुपए प्रति पीस आलू का पराठा
40 रुपए प्रति पीस मिक्स वेज पराठा
30 रुपए में 4 पूड़ी सब्जी पड़ी सब्जी
50 रुपए प्रति प्लेट राजमा चावल
50 रुपए प्रति प्लेट कढ़ी चावल
50 रुपए प्रति प्लेट छोला चावल
50 रुपए प्रति प्लेट वेज मैगी

Kanpur Jail canteen

बड़ी खबर: नगर निगम में नौकरी और PM आवास के नाम पर 1 करोड़ 30 लाख ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश

Advertisement


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *