– नागरिक अस्पताल की हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास रोजाना पहुंच रहे 150 मरीज, इनमें 50 को गठिया रोग की शिकायत
अनुज शर्मा
करनाल। फास्ट फूड के अधिक सेवन के कारण युवाओं को गठिया रोग चपेट में ले रहा है। ज्यादातर तला हुआ भोजन खाने के कारण युवाओं का उनकी लंबाई के अनुसार वजन नहीं है। जिससे शरीर का सारा वजन उनके घुटनों और शरीर के प्रत्येक जोड़ पर पड़ रहा है। ऐसे में युवा गठिया रोग का शिकार हो रहे हैं। जिला नागरिक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ की ओपीडी पर नजर डालें तो रोजाना उनकी ओपीडी में 150 मरीज पहुंचे रहे हैं, इनमें 50 युवा शामिल हैं।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ ने बताया कि घुटनों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग करने से भी गठिया रोग बढ़ रहा है। गठिया रोग ज्यादातर 50 साल की उम्र के बाद होता था, लेकिन आज बदलती जीवनशैली की वजह से यह रोग 25 साल तक के युवाओं में भी देखा जा रहा है। इसकी शुरूआत शरीर के किसी भी जोड़ से हो सकती है और समय के साथ-साथ यह शरीर के बाकी जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। डॉ. निधि दहिया ने बताया कि शरीर में जोड़ों को नर्म और लचीला बनाए रखने के लिए जोड़ों के बीच में कार्टिलेज होता है। जो जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। जब ये कम होने लगता है तो हड्डियों के जोड़ों पर दबाव पड़ने लगता है। जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या पैदा होती है। संवाद
गठिया रोग के लक्षण
घुटने, कंधें, कूल्हे और हाथ-पैर में दर्द, जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी, दर्द के बाद जोड़ों में सूजन, खून की कमी होना।
इनका सेवन फायदेमंद
मौसमी, संतरा, अनानास, कीवि, नींबू, सेब जैसे विटामिन युक्त फलों का सेवन करें। वहीं लहसुन, अदरक, हल्दी, ब्रोकली, जामुन, पालक, टमाटर आदि खाएं।
क्या नहीं खाएं
ज्यादा ठंडे पदार्थ खाने से परहेज करे। मैदा युक्त पदार्थाें से दूर रहें। कैफीन का अधिक इस्तेमाल करने से बचें, घी या तेल से बने पदार्थ न खाएं, ज्यादा नमक व शक्कर खाने से बचें। फास्ट फूड से बचें।
योग दिलाएगा निजात
आयुष विभाग से योग सहायक रीटा शर्मा ने बताया कि सेतुबंधासन, वज्रासन, भुजंगासन, अंजनेयासन, वृक्षासन, वीरभद्रासन व त्रिकोणासन गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन पीठ, कमर या कंधों में दर्द होने पर इन आसनों को करने से बचना चाहिए। बहुत ज़्यादा ठंडी जगह पर न जाना साथ ही किसी भी योगासन को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।