पुलिस कब्जे में किशोरी की साथ सामूहिक दुष्कर्म में शामिल कार। संवाद
– गैंगरेप के अज्ञात आरोपी की पुलिस कर चुकी है पहचान, गिरफ्तारी के लिए दे रही दबिश
– किशोरी का कराया गया मेडिकल परीक्षण, वन स्टाॅप सेंटर में रखी गई है पीड़ित किशोरी
कप्तानगंज। हाइवे पर जिस चलती कार में किशोरी के साथ गैंगरेप हुआ था, उस कार को पुलिस ने आरोपी जहांगीर के घर से मंगलवार को बरामद कर लिया। फरार चल रहे अज्ञात चौथे आरोपी की पहचान पुलिस कर चुकी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर पुलिस टीम दबिश दे रही है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया। किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद जनपद मुख्यालय स्थित पुलिस वन स्टाॅप सेंटर में रखी है।
कप्तानगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी को गांव का ही युवक कयामुद्दीन बहला फुसलाकर 9 सितंबर को भगा ले गया। उस रात को गांव के यज्ञशाला के पास बागीचे में रखा। 10 दिसंबर को फोन कर जहांगीर को बुलाया। वह अपनी कार लेकर तीन युवकों के साथ पहुंचा और चारों युवक किशोरी को कार में जबरन बैठाकर हाटा नगर के हाईवे पर लेकर चले गए। शराब और सिगरेट पीने के बाद मोबाइल में अश्लील वीडियो देखकर उसके साथ गैंगरेप किया। 11 दिसंबर को पुलिस की मिलीभगत से जबरन किशोरी को घरवालों को गांव में ले जाकर सुपुर्द कर दिया, लेकिन किशोरी के घरवाले कार्रवाई की जिद पर अड़े रहे और पुलिस को तहरीर भी दी। लेकिन निलंबित इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह का जहांगीर चहेता था। इसलिए कार्रवाई के बजाय 14 दिन तक टरकाते रहे।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में केस दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि कार में सवार चौथा आरोपी जहांगीर के गांव का ही बताया जा रहा है और कार भी जहांगीर की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक चौथे आरोपी के ससुराल और रिश्तेदारों के घर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन पकड़ में नहीं आया। चारों आरोपी किशोरी के गांव के रहने वाले हैं।
एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि घटना में शामिल कार को बरामद कर लिया गया है। किशोरी का मेडिकल परीक्षण हो गया है। सस्पेंड किए गए इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह, दरोगा मंगेश मिश्रा और सिपाही अंतिमा सिंह की जांच करने का निर्देश खड्डा सीओ को दिया गया है।
एसपी के सामने इंस्पेक्टर की नहीं चली चालबाजी, खुद की बुनी जाल में फंसा
पडरौना। निलंबित किए गए कप्तानगंज के इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह ने कुर्सी बचाने के लिए चालबाजी की। वीडियो वायरल होने के बाद एसपी को दरोगा और महिला सिपाही को कार्रवाई में लापरवाही की जानकारी दी थी, लेकिन एसपी के सामने उसकी नहीं चली और इंस्पेक्टर को कुर्सी गंवानी पड़ी। कार्रवाई की जद में आए लापरवाह पुलिसकर्मियों की जांच करने का निर्देश एसपी से खड्डा के सीओ संदीप वर्मा को दी है।
कप्तानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव से किशोरी का अपहरण कर चलती कार में गैंगरेप करने वाले चार आरोपियों में से एक इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह का चहेता था। उसे बचाने के लिए इंस्पेक्टर अपनी मर्यादा भूल गए और 14 दिन तक टाल मटोल करते रहे। तीन दिन पूर्व जब घटना से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ तो खुद को फंसते देख दरोगा मंगेश मिश्रा और सिपाही अंतिमा सिंह को दोषी बताते हुए एसपी को जानकारी दी, लेकिन एसपी ने कार्रवाई से पूर्व कसया सीओ कुंदन सिंह को जांच के लिए कप्तानगंज भेजा।
सीओ की जांच में पता चला कि मंगेश मिश्रा दरोगा की 12 दिन पूर्व तैनाती थाने पर हुई है और जिस गांव में घटना हुई है। वह हल्का भी उसका नहीं है। 12 दिन में पांच दिन डोल मेले में इसकी ड्यूटी लगी है। महिला सिपाही की भी तैनाती थाने पर है और इंस्पेक्टर ने तहरीर नहीं मिलने की बात सीओ से कही। सूत्र बताते हैं कि सीओ ने देखा तोे इंस्पेक्टर जहां बैठते थे, उस मेज में बने काउंटर में तहरीर पड़ी थी। सीओ की जांच रिपोर्ट के बाद एसपी ने दरोगा और महिला सिपाही के साथ इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया।
कार्रवाई के कुछ देर बाद इंस्पेक्टर अपने निजी वाहन से अकेले कहीं चले गए। मंगलवार को भी थाने पर वह नहीं दिखे। सीओ संदीप वर्मा ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया इंस्पेक्टर की लापरवाही सामने आई है। किशोरी और उसके पिता का भी बयान दर्ज किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई के लिए एसपी को सौंपी जाएगी।