पार्क के इंट्री गेट पर पड़ा ताला
महेवागंज। इंदिरा मनोरंजन वन और इसका इलाका दो माह बाद भी तेंदुए के साये से उबर नहीं पाया है। सितंबर, अक्तूबर में तेंदुए के शिकार करने की घटनाएं सामने आने के बाद एहतियातन वन विभाग ने इंदिरा मनोरंजन वन में ताला जड़ दिया था, जो अब तक नहीं खुला है।
वन दरोगा नागेंद्र पांडे ने बताया कि पार्क के इर्द-गिर्द तेंदुआ होने के संकेत मिल रहे हैं। वन कर्मियों का मानना है कि जब तक खेतों में गन्ने की फसल खड़ी है, तब तक तेंदुए का जंगल में लौटना मुश्किल लग रहा है। वहीं, इंदिरा मनोरंजन वन पार्क हरियाली से ढका है। समीप ही कंडवा नदी का कछार तेंदुए के प्राकृतवास के लिए मुफीद माना जा रहा है।
न तेंदुआ आया, न शिकार किया
दुधवा जंगल से भटककर सितंबर और अक्टूबर माह में फूलबेहड़, शारदानगर और ग्रामीण इलाकों में तेंदुए की दस्तक और मवेशियों पर हमले की घटनाओं से लोग सहम गए थे। मंझरा, बक्क्सपुरवा, सांडा, राजापुर, लिलौटी, बेचनपुरवा, राजापुर, लंगड़ीपुर, खंभारखेड़ा समेत कई गांवों में काफी दिनों तक तेंदुआ और उसके शिकार करने का शोर मचा। इधर, गन्ना कटाई सीजन शुरू होने के बाद से लोगो को इलाके में कही तेंदुआ नजर नहीं आया। खंभारखेड़ा निवासी केवल सिंह, रिंकू, डिन्नी आदि ग्रामीणों का कहना है कि इधर काफी दिनों से तेंदुआ देखे जाने या उसकी कोई चर्चा तक नहीं है।
सौंदर्यीकरण के बाद खुलते ही पड़ा ताला
शहर से करीब नौ किलोमीटर दूर दक्षिण खीरी वन प्रभाग की शारदानगर वन रेंज में शहर का इकलौता वन पार्क देखरेख के अभाव में वीरान हो गया था। काफी वर्षो बाद तीन करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण के बाद अगस्त में पार्क लोगों के लिए खोला गया। शहर और दूर दराज के इलाकों से आए लोगों की भीड़ से पार्क में रौनक लौटने लगी। इस बीच तेंदुए दस्तक से एहतियातन पार्क में वन विभाग ने ताला जड़ दिया। करोड़ों खपाने के बाद भी पार्क का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है।
वर्जन –
इंद्रा वन पार्क और इसके आसपास तेंदुए की लोकेशन ट्रेस हो रही है। गनीमत है कि हाल में कोई शिकार की घटना भी सामने नही आई। एहतियातन अभी पार्क खोलना संभव नहीं है।
संजय आजाद , डिप्टी रेंजर शारदा नगर