नारनौल। महिलाओं की सुरक्षा के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा सेफ सिटी अभियान की शुरुआत की हुई है। इसके तहत एसपी नितिश अग्रवाल के निर्देशानुसार सितंबर से जिले में चलने वाले ऑटो चालकों को ट्रैफिक पुलिस महेंद्रगढ़ द्वारा यूनिक नंबर देने की शुरुआत की गई थी।
इसके लिए सभी ऑटो चालकों व उनकी ऑटो की जानकारी एकत्रित की गई थी। जिले में चल रहे सभी ऑटो, रिक्शा की जानकारी एकत्रित कर उन पर पांच अंकों का यूनिक कोड लगाया गया है। प्रत्येक ऑटो के एक आगे, एक पीछे व एक अंदर यूनिक कोड वाला स्टीकर लगाया गया। जिले में लगभग हर ऑटो का यूनिक कोड जारी किया गया है। यह यूनिक नंबर प्रत्येक ऑटो के लिए अनिवार्य है, बिना यूनिक नंबर के चलने वाले ऑटो पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अब यह सीईटी के ग्रुप डी के एग्जाम देने आए एक परीक्षार्थी के लिए यूनिक कोड लाभदायक साबित हुआ है। रविवार सुबह के सत्र की परीक्षा में एक परीक्षार्थी यूनिक कोड MGH00769 वाली ऑटो में बैठकर एग्जाम सेंटर पर गया था। परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर उसने ऑटो वाले को 500 रुपये दिए और जल्दी में बाकी रुपये वापिस लेना भूल गया। परीक्षा समाप्त होने के बाद वह महाबीर चौक पर मौजूद ट्रैफिक थाना प्रभारी निरीक्षक सत्यनारायण के पास पहुंचा और इस घटना के बारे में बताया।
थाना प्रभारी ने तुरंत प्रभाव से यूनिक कोड के आधार पर ऑटो चालक का नाम व फोन नंबर पता किया और उससे संपर्क कर उसे महाबीर चौक पर बुलाया गया। थाना प्रभारी ने ऑटो चालक से इस बारे में पूछताछ की और उसने बताया कि परीक्षार्थी जल्दी-जल्दी में बाकी रुपये लेना भूल गया था। थाना प्रभारी ने मौके पर परीक्षार्थी को उसको बाकी के रुपये वापस दिलवाए। ऐसे में किसी भी ऑटो में कोई भी घटना होती है तो यूनिक कोड नंबर बताते ही पूरा विवरण पुलिस के पास पहुंच जाएगा। इसकी वजह से समय रहते पुलिस कार्रवाई कर सकेगी।