Manoj Tiwary on Gautam Gambhir: बंगाल और भारत के लिए खेल चुके स्टार क्रिकेटर मनोज तिवारी ने हाल ही में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. रिटायरमेंट के बाद तिवारी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर भड़क गए थे. तिवारी का कहना था कि उन्हें शतक मारने के बावजूद टीम से बाहर कर दिया गया था. तिवारी ने कहा था कि वह धोनी से पूछना चाहते हैं कि उन्हें शतक बनाने के बावजूद प्लेइंग इलेवन से क्यों बाहर कर दिया गया था.
कप्तान गंभीर से तिवारी की हुई थी लड़ाई
धोनी के बाद अब मनोज तिवारी ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर पर निशाना साधा है. तिवारी ने चौंकाने वाला खुलासा करते गुए कहा कि एक आईपीएल मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम में उनकी कप्तान गौतम गंभीर से बहस हो गई थी, जिसके बाद गंभीर ने उन्हें धमकी दी थी. तब गंभीर और तिवारी कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए खेला करते थे. यह घटना साल 2013 के आईपीएल सीजन के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम में हुई थी.
मनोज तिवारी ने आनंद बाजार पत्रिका के साथ बातचीत में बताया, ‘गंभीर ने कहा कि तुम मैच के बाद मुझसे बाहर मिलना, मैं तुम्हें देख लूंगा. आज तुम्हारा काम खत्म हो गया. मुझे लगता है कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. कोटला में पत्रकारों का हुजूम मैदान के अंदर था. हर कोई उन शब्दों को सुन सकता था.’
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उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी भी गंभीर के साथ हुई उस लड़ाई अफसोस है क्योंकि मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो सीनियर्स से झगड़ते हैं. उस घटना को टाला जा सकता था. सीनियर्स के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन एक घटना के कारण मेरी बदनामी हुई. एक समय गंभीर के साथ रिश्ते अच्छे थे. इसलिए मुझे अफसोस ज्यादा है. केकेआर के लिए खेलते समय उनके साथ कई बार चर्चा हुई थी. मैं भी तय करता था कि टीम में किसे शामिल करना है. सभी क्रिकेटरों की राय ली जाती थी.’
शुरुआती दो सीजन में दिल्ली कैपिटल्स (DC) के लिए खेलने के बाद मनोज तिवारी 2010 में केकेआर में शामिल हुए. तिवारी साल 2012 में आईपीएल जीतने वाली केकेआर टीम का भी हिस्सा रहे. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ एमए चिदंबरम स्टेडियम में हुए फाइनल में तिवारी ने ही ड्वेन ब्रावो के खिलाफ विजयी चौका लगाया था. लेकिन 2013 के सीजन में तिवारी का तत्कालीन कप्तान गौतम गंभीर से मनमुटाव हो गया, जिसके बाद उन्हें आईपीएल 2014 से पहले रिलीज कर दिया गया.
…जब शतक लगाने के बाद टीम से हुए OUT
मनोज तिवारी ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मुकाबले से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया. हालांकि वह अपने पहले ही मैच दो रन पर आउट हुए. इसके बाद उन्होंने अपना अगला मुकाबला तीन साल बाद खेला. तिवारी ने दिसंबर 2011 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी. चौंकाने वाली बात यह रही है कि इसके बाद उन्हें अगले 14 मैचों में मौका नहीं मिला. मनोज तिवारी ने आखिरी बार 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
मनोज तिवारी ने कुल मिलाकर भारत के लिए 12 वनडे और तीन टी20 मुकाबलों में हिस्सा लिया. वनडे इंटरनेशनल में तिवारी ने 26.09 के एवरेज से 287 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल रहा. तिवारी ने अपना इकलौता शतक (104*) वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था. वनडे इंटरनेशनल में तिवारी ने पांच विकेट भी चटकाए. टी20 इंटरनेशनल में मनोज तिवारी के नाम पर 15 रन दर्ज हैं.
मनोज तिवारी ने 148 फर्स्ट क्लास मैच खेलकर 47.86 की औसत से 10195 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 45 अर्धशतक शामिल थे. मनोज तिवारी का लिस्ट-ए करियर भी शानदार रहा. लिस्ट-ए क्रिकेट में तिवारी के बल्ले से 169 मैचों में 5581 रन निकले. इस दौरान उन्होंने छह शतक और 40 अर्धशतक लगाए.
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टी20 करियर की बात की जाए तो तिवारी ने 183 मैचों में कुल 15 अर्धशतकों की 3436 रन बनाए. मनोज तिवारी एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने 88 साल के रणजी इतिहास में किसी राज्य का खेलमंत्री रहते हुए रणजी मुकाबले में भाग लिया. यही नहीं कप्तानी करते हुए शतक भी बनाया.